अमर्यादित भाषा के लिए माफी मांगे नीतीश, विजय सिन्हा बोले- क्षमा मांगें तभी चलने देंगे सदन

अमर्यादित भाषा के लिए माफी मांगे नीतीश, विजय सिन्हा बोले- क्षमा मांगें तभी चलने देंगे सदन

PATNA: छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बीजेपी के विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम नीतीश कुमार सदन की गरीमा को भूल बैठे और बीजेपी के विधायकों को शराबी बताते हुए सदन से भगाने तक की बात कह दी। इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। सीएम नीतीश द्वारा अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने पर बीजेपी ने नाराजगी जताई। जिसके बाद बीजेपी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तू ताड़क करने का आरोप लगाते हुए सदन से बायकॉट किया। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सीएम नीतीश के अससंदीय भाषा का इस्तेमाल करने पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि नीतीश कुमार जिस तरह से आपा खो रहे है, यह विपक्ष बर्दास्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार इसके लिए माफी मांगे तभी सदन चलने देंगे


नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सदन के भीतर मुख्यमंत्री का व्यवहार पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि पहले तो उनकी माइक को बंद कर दिया और जब बाद में माइक को खोलो गया तो नेता प्रतिपक्ष की बातों को प्रोसीडिंग से बाहर करने का आदेश दे दिया गया। बिहार में शराब से हो रही मौत और अपराध की बढ़ती घटनाओं के मुद्दे को जब बीजेपी के विधायकों ने सदन में उठाया तो मुख्यमंत्री ने धमकी भरे लहजे में कहा कि बर्बाद कर देंगे। जिस तरह से सीएम ने सदन के भीतर बीजेपी के विधायकों के साथ तुम तड़ाक की भाषा का इस्तेमाल किया इसके लिए वे मांफी मांगे, तभी सदन चलेगा। मुख्यमंत्री गुंडाराज को जनताराज बताकर बिहार में शासन नहीं चला सकते हैं।


उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री सदन के बाहर नौकरी मांगने पर पर युवाओं पर लाठी चलवा रहे हैं तो दूसरी तरफ सदन के भीतर लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। विपक्ष की आवाज को सदन के अंदर दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों की गोद में बैठने से सीएम नीतीश का शालिनता खत्म हो चुकी है। जिस तरह से सीएम सदन के अंदर गैर मर्यादा प्रदर्शित कर रहे हैं, नीतीश सीएम पर दे योग्य नहीं हैं। मांफी मांगें नहीं तो लोकतंत्र में एक लज्जित पुरुष के रूप में जाने जाएंगे। शराब के कारण हर जिले के अंदर अपराधियों का नया गैंग खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री अपने अहंकार के कारण बिहार को रसातल में भेजने का काम कर रहे हैं। बीजेपी पूर्ण नशाबंदी के पक्ष में है लेकिन नशाबंदी के नाम पर अगर गरीबों को शोषण होता तो इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। 


बता दें कि बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। आज दूसरे दिन बीजेपी के सदस्यों ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर विधानसभा के बाहर और भीतर जमकर हंगामा मचाया। सदन के भीतर विपक्षी सदस्यों का हंगामा इतना बढ़ गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना आपा खो बैठे और बीजेपी के सदस्यों को खूब सुनाया। नीतीश कुमार ने भी अपनी जगह पर खड़े होकर विपक्ष को खूब कोसा और कहा कि ‘शराबबंदी के पक्ष में था कि नहीं तुम लोग, आज क्या हो गया है। कितना गंदा काम कर रहे हो, तुम्ही लोग गड़बड़ करवा रहे हो। अच्छा किया कि कि तुमलोग को छोड़ दिया, कितना गंदा काम कर रहे हो। सबको भगाओ यहां से,गलत बात है। शराब के पक्ष में बोल रहे हो, अब तो बिल्कुल बर्दास्त नहीं किया जाएगा। शराबी हो गया तुम लोग, कितना गंदा है। अब टॉलरेट नहीं किया जाएगा, हटवाइए सबको।