प्रवासियों को रोजगार देने पर रणनीति बन रही है, लेकिन मंत्री जी को कोई पूछता ही नहीं

प्रवासियों को रोजगार देने पर रणनीति बन रही है, लेकिन मंत्री जी को कोई पूछता ही नहीं

PATNA: प्रवासियों के बिहार वापसी का सिलसिला बदस्तूर जारी है. सरकार यह दावा कर रही है कि लाखों की तादाद में वापस आने वाले मजदूरों को राज्य के अंदर रोजगार मुहैया कराया जाएगा. प्रवासी श्रमिकों को लेकर रणनीति बनाई जा रही है और मुख्यमंत्री हर दिन अधिकारियों के साथ बैठकर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं लेकिन बिहार में प्रवासी मजदूरों को लेकर बन रही नीति के दौरान विभागीय मंत्री विजय सिन्हा को कोई पूछ तक नहीं रहा है.



नहीं बुलाया जा रहा बैठक में

मुख्यमंत्री आवास में हर दिन होने वाली बैठकों में राज्य के तमाम बड़े अधिकारी तो मौजूद रहते हैं. लेकिन श्रम संसाधन विभाग के मंत्री विजय सिन्हा को अब तक के इन बैठकों में बुलाया नहीं गया है. खुद मंत्री विजय सिन्हा यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री उन्हें तरजीह क्यों नहीं दे रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर दिन कोरोनावायरस और प्रवासियों को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे हैं इन बैठकों में डिप्टी सीएम सुशील मोदी के अलावे जदयू कोटे से मंत्री संजय झा भी मौजूद रहते हैं. लेकिन अब तक श्रम विभाग के मंत्री विजय सिन्हा को बैठक में शामिल होने का मौका नहीं मिला है और ऐसे में मंत्री महोदय को खुद समझ में नहीं आ रहा है कि वह विभाग के मंत्री हैं तो आखिर उनका काम क्या है. 

आपदा मंत्री का भी यही हाल

मंत्री जी का दर्द ऐसा है कि बताएं तो आखिर किसे और सुनाएं तो आखिर क्या..  लिहाजा आजकल मंत्री जी प्रवासी मजदूरों की वापसी पर केवल मीडिया में बयान दे रहे हैं. मंत्री जी विपक्ष पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. प्रवासियों को लेकर सियासत में दमदार तरीके से अपने बयानों से मौजूदगी का एहसास करा रहे हैं. लेकिन सरकार के अंदर उनकी मौजूदगी का मतलब खुद बेमानी होता दिख रहा है. हालांकि मंत्री विजय सिन्हा अकेले ऐसे मंत्री नहीं है जिन्हें मुख्यमंत्री या सरकार के हाई लेवल मीटिंग से दूर रखा गया है आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय का हाल भी कुछ ऐसा ही है.