मंत्री शाहनवाज हुसैन ने UPVC मैनुफैक्चरिंग यूनिट का किया उद्घाटन, बोले..बिहार में लाएंगे औद्योगिक क्रांति

मंत्री शाहनवाज हुसैन ने UPVC मैनुफैक्चरिंग यूनिट का किया उद्घाटन, बोले..बिहार में लाएंगे औद्योगिक क्रांति

DESK: उद्योग मंत्री बनने के बाद शाहनवाज हुसैन पहली बार नालंदा पहुंचे। जहां UPVC मैनुफैक्चरिंग यूनिट का उन्होंने उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पटना के नजदीक होने के कारण नालंदा में उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं। लोकप्रिय टूरिज्म डेस्टिनेशन होने की वजह से भी यहां रुझान ज्यादा है। उन्होंने जानकारी दी कि नालंदा में 528 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं जिनमें से 428 करोड़ का निवेश प्रस्ताव इथेनॉल सेक्टर से जुड़ा है। जबकि अन्य फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल व दूसरे उद्योगों के लिए प्रस्ताव है। हर जिले में उद्योगों के लिए प्रयास के साथ वे ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ के फार्मूले पर भी बारीकी से काम कर रहे हैं।


बिहार बिल्कुल नई उड़ान के लिए तैयार है जो उद्योगों का केंद्र बनेगा। बिहार की तकदीर-तस्वीर संवारने के लिए ऐसी पीच तैयार की गई है कि यहां के युवा बेहद सफल और बड़े उद्यमी बनेंगे। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने नालंदा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ये बात कही। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उद्योग विभाग की तरफ से बिहार के सभी वर्ग के युवा और महिलाओं यहां तक कि ट्रांसजेंडर के लिए भी उद्यमी बनने की बेहतर योजनाएं लाई गई हैं। अनुसूचित जाति- जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग के युवा-युवतियों के लिए ‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति- जनजाति एवं अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना है। तो सामान्य और पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और सामान्य वर्ग की महिलाओं व ट्रांसजेंडर के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना’ है।


शाहनवाज हुसैन ने कहा कि “ ये वो वक्त है जब बिहार के युवा सपने साकार कर सकते हैं । ये वो वक्त है जब बिहार की युवतियां नई मंजिल के लिए उड़ान भर सकती हैं।“ शाहनवाज हुसैन ने ये भी कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार का ये कार्यकाल बिहार में उद्योगों की स्थापना और रोजगार - स्वरोजगार का स्वर्णिम कार्यकाल होगा।“ उन्होंने कहा कि “मुझे पूरा विश्वास है कि ‘मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना’, ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना’ और पहले से चल रही योजनाएं – ‘मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना’ – इन योजनाओं से बिहार में उद्यमियों की एक बिल्कुल नई पीढ़ी तैयार होगी जो पूरी तरह आत्मनिर्भर होगी, और अपने लिए ही नहीं बल्कि आसपड़ोस के स्किल्ड-सेमीस्किल्ड या अन्य युवा-युवतियों के लिए भी रोजगार के अनेकों अवसर पैदा करेंगी।


उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने नालंदा पहुंचने के बाद पटेल एग्रिइंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के राईस मिलिंग यूनिट और पटेल वेयरहाउसिंग प्रा. लि. के यूनिट का भी दौरा किया। नालंदा के पटेल एग्रिइंडस्ट्रीज के ब्यॉल राइस मिलिंग की क्षमता की 72 मेट्रिक टन प्रति घंटा है और 1500 मेट्रिक टन  प्रति दिन। नालंदा के पटेल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज द्वारा तैयार सोनम, कतरनी, आईआर 64, बासमती, सोना मसूरी व अऩ्य चावल देश के कई राज्यों के साथ लंदन, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, नेपाल भी जाता है। लंदन में यहां का ब्राउन राइस खूब पंसद किया जाता है।


मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओँ की जरुरत क्यों?

राज्य की महिलाओँ और युवाओं द्वारा स्व-रोजगार हेतु बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए कॉलेटरल सेक्यूरिटी और मार्जिन मनी के लिए राशि नहीं रहने के कारण ऋण स्वीकृत नहीं हो पाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए उद्योग विभाग, बिहार, पटना के द्वारा राज्य के सभी वर्ग की महिलाओं और युवाओं को उद्योग स्थापित करने में अभिरुचि पैदा करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाएं – जिनमें दो पूर्व से चल रही हैं और दो योजनाएँ – दो दिन पहले ही 18 जून को शुरु हुई हैं जिसका शुभारंभ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। ये योजनाएँ हैं –

1.    मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना ........

इस योजना का लाभ राज्य के सामान्य और पिछड़ा वर्ग की महिलाओँ को मिलेगा । इस योजना के तहत ट्रांसजेंडर को भी समान लाभ दिया जाएगा।


इस योजना के लिए पात्रता:-

1.    आप बिहार के निवासी हों

2.    कम से कम 10+2 या इंटरमीडिएट, आई.टीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या समकक्ष उत्तीर्ण हों

3.    18 से 50 वर्ष की आयु सीमा के अंतर्गत हों

4.    ईकाई प्रोपराईटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, LLP अथवा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो सकती हैं


2.    मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना .... 

-  इस योजना का लाभ सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग के युवाओं को मिलेगा। इस योजना के लिए भी पात्रता वही हैं जो मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के लिए हैं। यानी - 

- आप बिहार के निवासी हों

- कम से कम 10+2 या इंटरमीडिएट, आई.टीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या समकक्ष उत्तीर्ण हों

- 18 से 50 वर्ष की आयु सीमा के अंतर्गत हों

- ईकाई प्रोपराईटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, LLP अथवा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो सकती हैं


मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाएं - दो चरणों में मिलेगी राशि

इस योजना के अंतर्गत लाभुकों से वर्ष की प्रथम तिमाही के दौरान ONLINE आवेदन प्राप्त किए जाएंगे । जिलावार निर्धारित लक्ष्य के अनुसार लाभुक का चयन अपर मुख्य सचिव- प्रधान सचिव – सचिव, उद्योग विभाग की अध्यक्षता में गठिक चयन सिमिति द्वारा किया जाएगा। चयन समिति द्वारा परियोजना के लिए राशि का मुल्यांकन उद्यमी की आवश्यकओं को देखते हुए राशि स्वीकृत की जाएगी। इस योजना के तहत स्वीकृत राशि दो चरणों में विमुक्त की जाएगी । 


मुख्यमंत्री उद्यमी योजनाओं में कितना अनुदान और कितना ऋण ?

योजना के अंतर्गत उद्योग स्थापित करने वाले लाभुकों को परियोजना लागत का प्रति ईकाई 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रुपया ऋण और 50 प्रतिशत अधिकतम 5 लाख रुपया अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। महिलाओं के लिए अनुदान ब्याज मुक्त होगा और पुरुषों के लिए बेहद मामुली यानी सिर्फ 1 प्रतिशत ब्याज का प्रावधान किया जाएगा। योजना के तहत अंतिम किस्त के भुगतान के 1 वर्ष के उपरान्त इसकी वसूली बिहार स्टार्ट अप फंड ट्रस्ट द्वारा 84 समान किस्तों में की जाएगी । इसके अतिरिक्त सभी लाभुकों के प्रशिक्षण एवं परियोजना अनुश्रवण समिति द्वारा सहायता के लिए प्रति ईकाई 25000 रुपए के दर से व्यय किया जाएगा।


योजना के तहत प्रशिक्षण

इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों  को 2 सप्ताह का उद्यमिता का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों के आवासन के लिए प्रति लाभुक रुपए 5000 भुगतान किया जाएगा। 

पूर्व से चल रही मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/ जनजाति और अति पिछड़ा उद्यमी योजना की उपलब्धि :

 पूर्व से चल रही मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमी योजना के तहत अब तक 5100 लाभुकों का चयन किया गया है जिनमें से 3732 लाभुकों को प्रथम, 3182 को द्वितीय और 1418 को तृतीय यानी अंतिम किश्त विमुक्त किया जा चुका है। इस प्रकार मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमी योजना के तहत कुल 1418 लाभुकों द्वारा उद्योग स्थापित करने के साथ कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री अति पिछड़ा उद्यमी योजना के अंतर्गत अब तक कुल 1918 लाभुकों का चयन किया गया है जिसमें से 1266 लाभुकों से प्रथम, 576 को द्वीतीय एवं 133 को तृतीय यानी अंतिम किश्त दी जा चुकी है। 


मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति- जनजाति उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री अति पिछड़ा उद्यमी योजना के तहत – बहुत से युवा उद्यमी स्वरोजगार और उद्यम स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं और सामान्य और पिछड़ा वर्ग के युवा और महिला उद्यमियों के लिए 18 जून यानी शुक्रवार को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना का भी शुभारंभ हो गया है।  शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ‘उद्यमी योजनाएं आने वाले दिनों में मील का पत्थर साबित होगा। इन योजनाओं से न सिर्फ बिहार के युवाओं का सपना साकार होगा बल्कि राज्य के औद्योगिक विकास में भी ये अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होंगे।“