मंत्री के बेटे पर जानलेवा हमला, पूर्व मुखिया गिरफ्तार, अन्य आरोपी फरार

मंत्री के बेटे पर जानलेवा हमला, पूर्व मुखिया गिरफ्तार, अन्य आरोपी फरार

 DARBHANGA: समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के बेटे अभिषेक कुमार पर बदमाशों ने जानलेवा हमला किया है। हमले के वक्त उनका मुंशी अनिल सहनी और ड्राइवर शिव शंकर सिंह भी मौजूद थे। हमले में ये दोनों भी घायल हो गये हैं। हमलावरों ने इस दौरान उनके मुंशी अनिल सहनी से डेढ़ लाख कैश और बाइक लूटकर फरार हो गये। घायलों को बहेड़ा पीएचसी में भर्ती कराया गया।


मामले में मंत्री मदन सहनी के बेटे ने  केस दर्ज कराया जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए बहेड़ी थाना पुलिस ने बाथो रढियाम पंचायत के पूर्व मुखिया ब्रजकिशोर यादव को गिरफतार किया है। बता दें कि मंत्री मदन सहनी के बेटे अभिषेक रढियाम प्लस टू उच्च विद्यालय में चल रहे भवन निर्माण के ठेकेदार हैं। अभिषेक कोशी इंफ्राटेक एंड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर भी हैं। 


उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पूर्व मुखिया को गिरफ्तार किया है वही बचे आरोपियों में पूर्व मुखिया की पत्नी जो कि वर्तमान मुखिया मिथिलेश देवी, उनके तीन बेटे प्रभात यादव, विकास यादव और सुभाष यादव फरार चल रहे हैं। वही रढियाम प्लस टू उच्च विद्यालय के प्राचार्य और पूर्व मुखिया का भाई गिरिधारी यादव और श्याम यादव भी घटना के बाद से फरार है। 


सभी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। बताया जाता है कि अभिषेक की कंपनी रढियाम प्लस टू स्कूल में भवन निर्माण का काम कर रही है। ये सभी आरोपी कंपनी से दस लाख की रंगदारी मांग रहे थे। हथियार के बल पर हर बार ईंट, गिट्टी, बालू, सिमेंट उठाकर ले जाया करते थे। ये लोग मुंशी से कहते थे कि यह मेरा गांव है यहां काम करना है तो रंगदारी तो देनी ही होगी। 


ये लोग मुंशी को बार बार मालिक अभिषेक को बुलाने के लिए कहते थे। इस बात की सूचना जब अभिषेक को हुई को वे स्कूल में पहुंच गये जहां सभी आरोपी धारदार हथियार, लाठी और बंदूक लेकर पहुंच गये कहने लगे कि काम करना है तो दस लाख रंगदारी दो। 


कहा गया कि रंगदारी नहीं दोगे तो काम तो बंद होगा ही जान से भी हाथ धो लोगे। जिसके बाद जान से मारने के उद्धेश्य से इन लोगों ने मुंशी, चालक और कंपनी के मालिक पर हमला कर दिया। ड्राइवर और मुंशी को बुरी तरह पीटा गया जब अभिषेक दोनों को बचाने गये तो उन्हें भी घायल कर दिया। मजदूरों के आने के बाद तीनों की जान बच पाई।