PATNA: बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बिहार की अनदेखी करने का आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि जेडीयू के एनडीए से अलग होने का खामियाजा बिहार की जनता को भुगतना पड़ रहा है। केंद्र की सरकार लोगों की परेशानी कम करने की बजाय और बढ़ा रही है। श्रवण कुमार ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र की तरफ से मनरेगा की पूरी राशि बिहार को नहीं मिल पा रही है। जिसके कारण बिहार का मजदूर वर्ग परेशानी में है। जिसका नतीजा होगा कि आने वाले दिनों में बिहार से मजदूरों का पलायन शुरू हो जाएगा और पलायन के लिए बिहार सरकार नहीं बल्कि केंद्र सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार होगी।
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि देश में सरकारें बदलती रहती हैं लेकिन चाहे जिस भी पार्टी की सरकार हो उसकी जिम्मेवारी होती है कि वह जनता की सभी समस्याओं को दूर करे। लेकिन केंद्र की सरकार जनता की परेशानी दूर करने के बजाए उसकी समस्या और भी बढ़ा रही है। केंद्र सरकार ने हर श्रमिक को 100 दिन काम देने की गारंटी ली थी लेकिन अब पैसे देने में विलंब कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि मनरेगा के बजट को बढ़ाते हुए बिहार सरकार का जो बकाया पैसा है उसे जल्द से जल्द निर्गत करे।
उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी इसको लेकर लगातार पत्र लिख रहे हैं लेकिन इसके बाद भी भारत सरकार मांग पर विचार नहीं कर रही है। अगर मनरेगा का पैसा समय पर नहीं मिला तो बिहार के श्रमिक दूसरे प्रदेशों की ओर पलायन करने लगेंगे। केंद्र से बकाया पैसा नहीं मिलने के कारण मनरेगा का काम बाधित हो रहा है। कल जब समय पर काम पूरा नहीं होगा तो खुद केंद्र सरकार पूछेगी कि काम क्यों नहीं पूरा हुआ। मजदूरों का जब पलायन होगा तो वही भारत सरकार पूछेगी कि भारत सरकार से अनुरोध क्यों नहीं किया।
उन्होंने कहा कि अगर दो जून की रोटी के लिए मजदूरों को अपने राज्य में तरसना पड़ेगा और परेशानी होती तो वे पलायन को मजबूर हो जाएंगे। श्रवण कुमार ने कहा है कि आने वाले समय में परेशानी और बढ़ने वाली है जिसका असर सिर्फ मजदूरों पर ही नहीं सरकार पर भी पड़ेगा।