1st Bihar Published by: Updated Thu, 25 Jun 2020 03:10:19 PM IST
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PATNA: लालू यादव या उनकी फैमिली के किसी सदस्य से बात करने के लिए तरस रहे जीतन राम मांझी के लिए RJD के सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं. लिहाजा मांझी की पार्टी की ओर से लालू, तेजस्वी और RJD पर पलटवार तेज कर दिया गया है. मांझी की पार्टी हम ने आज कहा है कि आरजेडी से बात करने के लिए हम ने अपने एक प्रखंड अध्यक्ष को अधिकृत किया है. आरजेडी नेताओं को प्रखंड अध्यक्ष से बात करनी होगी.
मांझी की पार्टी का बयान
मांझी की पार्टी हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने आज बयान दिया है कि आरजेडी से बात करने के लिए उनकी पार्टी ने फतुहा के प्रखंड अध्यक्ष राजन राज को अधिकृत कर दिया है. अब अगर तालमेल की बातचीत करनी हो तो आरजेडी के नेता हम के प्रखंड अध्यक्ष से बात करें. आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को मांझी की पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष से बात करनी होगी.
तेजस्वी के बयान पर पलटवार
दरअसल हम का ये बयान तेजस्वी य़ादव के बयान के बाद आया है. तेजस्वी यादव ने कल कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी को अगर तालमेल के बारे में कोई बात करनी है तो वे आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से बात करें. जगदानंद सिंह को आरजेडी ने जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा से बात करने के लिए अधिकृत कर दिया है. तेजस्वी के इसी बयान के बाद हम ने पलटवार किया है.
मांझी के लिए RJD के सारे दरवाजे बंद
वैसे मांझी ही नहीं बल्कि उपेंद्र कुशवाहा के लिए भी आरजेडी के सारे दरवाजे बंद होते दिख रहे हैं. जीतन राम मांझी ये दावा कर के दिल्ली गये थे कि वहां कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात होगी और सोनिया गांधी हस्तक्षेप कर आरजेडी पर दबाव बनायेंगी. लेकिन मांझी और कुशवाहा से सोनिया गांधी की बात या मुलाकात नहीं हुई. दिल्ली में दोनों ने अहमद पटेल से बात कर अपना रोना रोया.
मांझी और कुशवाहा दोनों की ओर से दूसरा दावा ये किया गया कि बुधवार को सोनिया गांधी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बिहार के महागठबंधन के सारे दलों से बात करेंगी. लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी अहमद पटेल आये. आरजेडी ने उसमें अपने सांसद मनोज झा को शामिल होने के लिए कह दिया. जानकार बताते हैं कि मनोज झा तक ने कोई आश्वासन नहीं दिया.
इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद तेजस्वी यादव ने बयान दिया कि मांझी और कुशवाहा को आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष से बात करनी होगी. यानि लालू यादव या तेजस्वी यादव उन दोनों से मिलने तक को तैय़ार नहीं हैं.
ऐसे में मांझी के पास नीतीश की शरण में जाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बच रहा है. हालांकि मांझी जानते हैं कि नीतीश कुमार के पास जाने पर भी बहुत कुछ हासिल होने वाला नहीं है. लिहाजा वे आखिरी दम तक कोशिश कर रहे हैं कि आरजेडी का दिल पिघल जाये. लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है.