नीतीश की ज़िद से बिहार परेशान, मांझी को क्यों कहनी पड़ी ये बात

नीतीश की ज़िद से बिहार परेशान, मांझी को क्यों कहनी पड़ी ये बात

PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ज़िद्दी हैं। वे जो करने की ठान लेते हैं उसके लिए वे उतारू हो जाते हैं। सीएम नीतीश को इससे कोई मतलब है कि इसका परिणाम क्या होगा। इसी प्रक्रिया में पूरी समस्या झूल रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि ये कहना है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का। मांझी ने ये सारी बातें उस वक्त कही जब उनसे बिहार में ताड़ी बैन करने पर सुझाव मांगा गया। उन्होंने कहा कि ताड़ी एक नेचुरल जूस है और इसे बैन करने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए। 




जीतन राम मांझी ने कहा कि ये मेरी व्यक्तिगत राय है कि बिहार में ताड़ी बैन नहीं होना चाहिए। महागठबंधन की राय चाहे जो भी हो लेकिन मेरी राय इन सबसे अलग है। मांझी ने कहा कि ताड़ी को शराब की कैटेगरी में शामिल नहीं करना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो राज्य में बेरोज़गारी बढ़ जाएगी। कई गरीब ऐसे हैं जो ताड़ी बेचकर ही अपना घर चलाते हैं, उनका रोज़गार छीन जाएगा। ताड़ी से लॉ एंड आर्डर खराब नहीं होता है। ताड़ी बंद करना उचित नहीं है। 




वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री से जब कुढ़नी उपचुनाव को लेकर सवाल पुछा गया तो उन्होंने कहा कि महागठबंधन की जीत तय है। लेकिन एक औपचारिकता के तहत हम वहां चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज तेजस्वी यादव और ललन सिंह भी कुढ़नी जा रहे हैं। उन्होंने मुझसे भी वहां चलने के लिए कहा, जिसके बाद मैंने भी चुनाव प्रचार करने की तैयारी की है। मांझी ने कहा कि बीजेपी के बड़े बोल का इस चुनाव में कोई फायदा नहीं होने वाला है।