महिला सुरक्षा पर गृह मंत्रालय ने राज्‍यों को जारी की एडवाइजरी- FIR दर्ज करना अनिवार्य, 2 महीने में पूरी हो जांच

महिला सुरक्षा पर गृह मंत्रालय ने राज्‍यों को जारी की एडवाइजरी- FIR दर्ज करना अनिवार्य, 2 महीने में पूरी हो जांच

DESK :देश में महिला सुरक्षा को लेकर चर्चा जोरों पर हैं. हाथरस केस के बाद देश के कई हिस्सों से एक बार फिर महिला सुरक्षा की मांग उठने लगी है कि देश भर में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध को कैसे रोका जाए ?

इसे देखते हुए देश गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी के अनुसार अब महिला अपराध पर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य होगा. मंत्रालय ने आईपीसी और सीआरपीसी के प्रावधान गिनाते हुए कहा कि राज्‍य/केंद्रशासित प्रदेश इनका पालन सुनिश्चित करें. इस एडवाइजरी में साफ तौर पर यह कहा गया है कि एडवाइजरी में जारी आदेश में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

एडवाइजरी की खास बातें..

1. संज्ञेय अपराध की स्थिति में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है. कानून में भी जीरो एफआईआर का प्रावधान है. जीरो एफआईआर तब दर्ज की जाती है, जब अपराध थाने की सीमा से बाहर हुआ हो. IPC की धारा 166 A(c) के तहत अगर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो अधिकारी को सजा का भी प्राधान है.

2.सीआरपीसी की धारा 173 में दुष्कर्म से जुड़े किसी भी मामले की जांच दो महीने के अंदर पूरी करने का प्रावधान है. अपराध में जांच की प्रगति जानने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन पोर्टल बनाया है.


3.सीआरपीसी के सेक्‍शन 164-A के अनुसार दुष्कर्म के किसी भी मामले की सूचना मिलने के 24 घंटे के अंदर पीड़िता की सहमति से एक रजिस्‍टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर मेडिकल जांच करेगा.

4.दुष्कर्म, यौन शोषण व हत्या जैसे संगीन अपराध होने पर फोरेंसिंक साइंस सर्विसिज डायरेक्‍टोरेट ने सबूत इकट्ठा करने गाइडलाइन बनाई है. ऐसे मामलों में फॉरेंसिक सबूत इकट्ठा करने के लिए गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है.