महाशिवरात्रि के देवघर में उमड़ी भक्तों की भीड़ : चार पहर की विशेष पूजा के बाद निकलेगी भोले की भव्य बारात

महाशिवरात्रि के देवघर में उमड़ी भक्तों की भीड़ : चार पहर की विशेष पूजा के बाद निकलेगी भोले की भव्य बारात

DEVGHAR : पूरे देश में आज महाशिवरात्रि का महापर्व काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसको लेकर शिव भक्त देर रात से ही लाइन में लग कर भगवान भोले शंकर के दर्शन को लेकर उतारू हुए पड़े हैं। इस बीच भगवान भोले शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई है।


दरअसल, महाशिवरात्रि पर देवघर में बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी है। देवघर में शिव की दो बारात निकलेंगी। एक बारात परंपरागत है। यह बारात मंदिर परिसर में ही निकलेगी। वहीं दूसरी बारात देवघर स्टेडियम से निकलेगी, जो नगर भ्रमण करते हुए देर रात बाबा मंदिर पहुंचेगी।


मालूम हो कि, महाशिवरात्रि के दिन बैद्यनाथ की चार पहर की पूजा होगी। मंदिर के मुख्य प्रबंधन रमेश परिहस्त ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ की शृंगार पूजा नहीं की जाती है। तय कार्यक्रम के मुताबिक बाबा मंदिर में रात 9 बजे तक आमजन जलार्पण करेंगे। इसके बाद मंदिर का पट बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद रात साढ़े नौ बजे से बाबा भोलेनाथ की चार पहर की विशेष पूजा शुरू होगी। माहाशिवरात्री के दिन बाबा के पूजा की विशेष पूजा की जाती है। इसमें कई ऐसी बातें हैं, जिनका निर्वहन सदियों से किया जा रहा है। 


जानकारी हो कि, देवघर मंदिर में बाबा का मउर हर दिन की तरह सेंट्रल जेल से कैदियों द्वारा बनाया जाता है। लेकिन, आज बाबा का मउर नहीं भेज बासुकिनाथ भेजा जायेगा। दूसरी ओर रोहिणी में बने मउर को बाबा पर अर्पित किया जायेगा। वहीं अब तक चल रही परंपरा के मुताबिक बाबा मंदिर के प्रशासनिक भवन से पारंपरिक बारात निकलेगी। यह बारात रात करीब सवा नौ बजे निकलेगी, जिसमें ढ़ोल-नगाड़े के साथ मंदिर कर्मी शरू राउत मशाल जलाकर बारात की अगवानी करेंगे। 


आपको बताते चलें कि, बाबा मंदिर में चार पहर की पूजा के बाद बाबा भोले भंडारी को वर की तरह माला आदि पहनाकर दूल्हे की तरह सजाया जाएगा। जिसके बाद उनके विग्रह पर साड़ी और शृंगार की सामग्री अर्पित की जायेगी। जिसके बाद विग्रह पर सरदार पंडा बेलपत्र से सिंदूर अर्पित कर हर प्रहर की पूजा को संपन्न करेंगे। उन्होंने कहा कि यह जानने वाली बात है कि साल में एक बार महाशिवरात्रि पर ही बाबा के विग्रह पर सिंदूर अर्पित करने की परंपरा है। मान्यता के अनुसार, बाबा के साथ माता पार्वती इसी जगह पर विराजमान हैं।