PATNA: बिहार के महागठबंधन में घमासान छिड़ने के संकेत मिलने के बाद आज देर शाम नीतीश कुमार अचानक से लालू प्रसाद यादव के घर पहुंच गये. बिना किसी लाव लश्कर के नीतीश कुमार लालू यादव के घर पहुंच गये. वहां बंद कमरे में उनकी लालू और तेजस्वी यादव से आधा घंटे बात हुई. सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को मनाने पहुंचे थे, जो नीतीश कुमार से नाराज बताये जा रहे हैं.
बता दें कि इससे पहले तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के मंत्री ने नीतीश कुमार के कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया था. राजगीर में आज से मलमास मेले की शुरूआत हुई, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इस सरकारी कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ साथ राजद कोटे के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता को मौजूद रहना था. लेकिन दोनों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया.
खास बात ये थी कि राजगीर के मलमास मेले के आयोजक बिहार सरकार का पर्यटन विभाग और भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग हैं. पर्यटन विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव हैं, वहीं भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री आलोक मेहता हैं. दोनों इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. जबकि राज्य सरकार ने मलमास मेले के उद्घाटन समारोह का जो विज्ञापन छपवाया था उसमें तेजस्वी यादव को विशिष्ट अतिथि बनाया गया था और आलोक मेहता के मौजूद रहने की बात लिखी गयी थी.
राजगीर से लौटते ही लालू के घर पहुंचे नीतीश
आज पूरा दिन राजगीर में गुजारने के बाद नीतीश कुमार शाम में हेलीकॉप्टर से पटना वापस लौटे. कुछ ही देर बाद वे लालू प्रसाद यादव के घर जा पहुंचे. वहीं तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. बंद कमरे में तीनों के बीच बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने नाराज तेजस्वी को समझाने और मनाने की कोशिश की. लालू यादव ने भी तेजस्वी को समझाया है.
सियासी गलियारे में चर्चा है कि बेंगलुरू की मीटिंग का महागठबंधन में जबरदस्त साइड इफेक्ट हुआ है. बेंगलुरू की बैठक में नीतीश कुमार ने जिस तरह से नाराजगी जतायी वह तेजस्वी यादव को पसंद नहीं आया. राजद के एक सीनियर नेता ने बताया कि तेजस्वी यादव बेंगलुरू की बैठक के बाद होने वाले प्रेस कांफ्रेंस में शामिल होकर पटना वापस लौटना चाहते थे. लेकिन नीतीश कुमार प्रेस कांफ्रेंस से पहले वापस लौटने की जिद पर अड़ गये.
लालू और तेजस्वी इसलिए भी फंस गये थे कि जिस चार्टर प्लेन से वे सब पटना से बेंगलुरू गये थे, उसका अरेजमेंट नीतीश कुमार की पार्टी की ओर किया गया था. जब नीतीश कुमार बेंगलुरू से वापस लौटने की जिद पर अड़ गये तो लालू-तेजस्वी के पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं बचा. उन्हें भी मजबूरी में वापस लौटना पड़ा. इसके बाद से ही तेजस्वी यादव नाराज बताये जा रहे थे.