LTC घोटाले में RJD विधायक अनिल सहनी को 2 साल की कैद औऱ जुर्माने की सजा, सांसद रहते किया था बड़ा फर्जीवाड़ा

LTC घोटाले में RJD विधायक अनिल सहनी को 2 साल की कैद औऱ जुर्माने की सजा, सांसद रहते किया था बड़ा फर्जीवाड़ा

DELHI: बिहार में राजद के विधायक अनिल कुमार सहनी को यात्रा भत्ता में फर्जीवाड़े के मामले में कोर्ट ने दो साल कैद और सवा तीन लाख रूपये जुर्माना भरने की सजा सुनायी है. दिल्ली में सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने अनिल सहनी के साथ साथ दो अन्य को भी सजा दी है. कोर्ट ने अनिल कुमार सहनी के अलावा जिन लोगों को सजा दिया है उनमें एयर इंडिया के तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट (ट्रैफिक) एनएस नायर  और अरविंद तिवारी  शामिल हैं.


बता दें कि अनिल कुमार सहनी के खिलाफ यात्रा भत्ता (LTC) घोटाले का ये आऱोप 2013 में लगा था. तब अनिल सहनी राज्यसभा सदस्य थे. सीबीआई ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था. अनिल सहनी को पिछले 29 अगस्त को ही सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया था. आज कोर्ट ने उन्हें सजा सुनायी. अनिल सहनी फिलहाल मुजफ्फरपुर के कुढनी विधानसभा क्षेत्र से राजद के विधायक हैं.


दरअसल बिना यात्रा किए लाखों रुपये का भत्ता लिये जाने के एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर 2013 में सीबीआइ ने केस दर्ज किया था. जांच के दौरान सीबीआई  ने ये पाया कि अनिल सहनी ने दूसरे लोगों के साथ साजिश के तहत जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास बनवाया और उसके सहारे राज्यसभा को 23.71 लाख रुपये का चूना लगाया. अनिल कुमार सहनी ने फर्जी टिकट के सहारे अपनी यात्रा दिखायी जबकि उन्होंने कोई यात्री ही नहीं की थी. 


अनिल सहनी के खिलाफ ये शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग से की गयी थी. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सीबीआई को इस मामले की जांच सौंप दी थी. उसके बाद सीबीआई ने सरकार को धोखा देने और जाली हवाई टिकट और बोर्डिंग पास के आधार पर राज्यसभा सचिवालय से पैसा लेने के आरोप में सहनी और दूसरे लोगों के खिलाफ 2013 में मामला दर्ज किया था. जांच के दौरान CBI ने  पाया कि अनिल सहनी ने एयर इंडिया के दो अधिकारियों के साथ मिलकर जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास बनवाया और उसे राज्यसभा में जमा कर 23.71 लाख रुपये ले लिये।


सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली स्थित एयर क्रूज ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी अनूप सिंह पंवार, एयर इंडिया के  तत्कालीन कार्यालय अधीक्षक (यातायात) एनएस नायर, और अरविंद तिवारी को भी अभियुक्त बनाया था. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम  और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया गया था. कोर्ट ने पिछले 29 अगस्त को ही अनिल सहनी, एऩएस नायर और अरविंद तिवारी को दोषी करार दिया था. इस मामले में आज उन्हें सजा सुना दी गयी.