PATNA : प्रेम प्रसंग से जुड़ी हुई एक ऐसी घटना सामने आई है. जिसने लोगों को चौंका कर रख दिया है क्योंकि एक पुलिसकर्मी और महिला सिपाही की प्रेम कहानी अधूरी रह गई. दरअसल लव मैरिज करने पटना पहुंचे प्रेमी जोड़े ने खुदकुशी करने के लिए ट्रेन के सामने छलांग लगा दी. जिसमें महिला सिपाही की मौत हो गई. जबकि पुलिसकर्मी की जान बच गई. घटना राजधानी पटना की है.
झारखंड पुलिस में थे दोनों
झारखंड पुलिस में भर्ती एक जवान को महिला सिपाही से प्यार हो गया. वह उस महिला से शादी करने के लिए उसे पटना लेकर भाग आया. देवघर से बीते मंगलवार को फरार हुई महिला सिपाही नंदनी कुमारी (25) और जवान सरोज कुमार झा (28) दोनों गर्दनीबाग संस्कृत शिक्षा बोर्ड के सामने रेल ट्रैक ट्रेन के सामने कूद पड़े. इस घटना में महिला की मौत हो गई. जबकि पुलिसवाला लगभग दो घंटों तक ट्रैक के किनारे तड़पता रहा. जीआरपी की मदद से इलाज के लिए उसे पीएमसीएच में भर्ती कराया गया.
सरोज ने पुलिस ने ग्रुप में लिखा - ‘हमलोगों को माफ कर दीजियेगा सर.’
खुदकुशी करने से पहले सरोज झा ने गुरुवार की सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर देवघर के साइबर थाने के पुलिस ग्रुप पर आखिरी मैसेज किया कि ‘हमलोगों को माफ कर दीजियेगा सर.’ ग्रुप में सरोज का मैसेज देखते ही उसके अफसरों ने कहा कि आप लोग वापस आ जाइये. आपलोगों को कुछ नहीं होगा. दोनों की ओर से गुरुवार को दोनों ने पटना लौटने की बात कही गई थी. फिर थोड़ी ही देर बाद देवघर पुलिस को सरोज और नंदिनी के ट्रेन से कूद जाने की खबर मिली. नंदिनी की मौत की खबर सुनकर देवघर पुलिस के अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई.
प्रेमिका की मौत पर सिपाही ने कहा - अब और जीने की इच्छा नहीं
सिपाही सरोज झा ने देर शाम पुलिस को दिए बयान में कहा कि ‘हमें जीने की इच्छा नहीं थी. इस कारण हमलोगों ने आत्महत्या करने का फैसला किया. ट्रेन को आता देख हमलोग ट्रैक पर लेट गए थे. नंदिनी बीच ट्रैक पर थी. उसकी मौत के बाद अब मेरी और जीने की इक्षा नहीं है.' बता दें कि किनारे रहने के कारण सरोज ट्रेन के झटके से दूर जा गिरा जबकि नंदिनी ने वहीं दम तोड़ दिया. सरोज का हाथ कट चुका है. उसके सिर में भी गहरी चोट है.
पटना के होटल में ठहरे थे, लव मैरिज की थी तैयारी
नंदिनी और उसका प्रेमी सरोज पटना के होटल वृंदावन में ठहरे थे. पुलिस ने वहां जाकर तहकीकात की तो पता चला कि दोनों ने होटल के रजिस्टर में खुद को पति-पत्नी बताया था. घरवालों की मर्जी के खिलाफ वे शादी करने की तैयारी में थे. हालांकि सरोज यह कह रहा था कि एक तरीके से उसने नंदिनी के साथ शादी कर ली थी. दोनों ने तीन दिनों की छुट्टी ली थी, जिसके बाद वे देवघर से भागकर पटना पहुंचे थे.