PATNA : देश में लोकसभा चुनाव में अब महज कुछ महीनो का समय बच गया है। ऐसे में इसको लेकर न सिर्फ राजनीतिक पार्टी बल्कि चुनाव आयोग भी अपनी तैयारी को अंतिम अंजाम देने में जुट गया है। इस बीच चुनाव आयोग के तरफ से सभी राजनीतिक पार्टियों के बूथ एजेंट की रिपोर्ट मांगी गई है।
दरअसल, बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय ने राजनीतिक दलों की ओर से विभिन्न जिलों में बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए जाने की रिपोर्ट जिला निर्वाचन पदाधिकारी से मांगी है। अब इन लोगों की रिपोर्ट जल्द ही चुनाव आयोग को सौंप जाएगी। इस रिपोर्ट आने के बाद इन लोगों को निर्वाचन आयोग के तरफ से एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा।
जानकारी हो कि, लोकसभा या विधानसभा चुनाव के पहले विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्येक बूथ पर बूथ एजेंट की नियुक्ति किए जाने की जानकारी निर्वाचन आयोग को दी जाती है। मुख्य निर्वाचन प्राधिकारी ने पहले ही सभी राजनीतिक दलों को भूत एजेंट की नियुक्ति बुधवार किए जाने और उसकी सूची जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया था। इसके बाद सभी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के द्वारा बूथ एजेंट की नियुक्ति की गई है।
मालूम हो कि, बूथ एजेंट के ऊपर फर्जी मतदान रोकने की जिम्मेदारी होती है मतदान प्रक्रिया पर उनकी कड़ी नजर रहती है। मतदान शुरू होने से पूर्व मॉक पोल में भी यह शामिल होते हैं। इनके ऊपर यह जिम्मेदारी होती है की अगर कोई व्यक्ति मतदान के योग्य नहीं है तो यह बूथ पर तैनात निर्वाचन प्राधिकारी के समझ उनके खिलाफ अपील कर सकते हैं। उसके बाद उसपर एक्शन लिया जा सकता है।
आपको बताते चलें कि बिहार में भूत एजेंट नियुक्त करने वाले दलों में जदयू राजद कांग्रेस बीजेपी वाम दल शामिल है। ये सभी राजनीतिक दल राज्य के सभी बूथ पर अपना एजेंट तय करेंगे। यही लोग यह बताएंगे की मतदान सही तरीके से करवाया जा रहा है या इसमें कहीं कोई गड़बड़ी है। अगर उन्हें कोई समस्या नजर आती है तो इसको लेकर वो अपनी शिकायत दर्ज करवाई है।