लोहिया से भी बड़े हो गये तेजस्वी? राम को कोसने वाले मंत्री चंद्रशेखर को राजद के समर्थन का एलान, शिवानंद तिवारी ने एतराज जताया

लोहिया से भी बड़े हो गये तेजस्वी? राम को कोसने वाले मंत्री चंद्रशेखर को राजद के समर्थन का एलान, शिवानंद तिवारी ने एतराज जताया

PATNA: क्या राजद के राजकुमार तेजस्वी यादव भारत में समाजवाद को जन्म देने वाले डॉ राम मनोहर लोहिया से भी बड़े नेता हो गये हैं. राम के खिलाफ बोलने वाले मंत्री चंद्रशेखर के मामले में राजद का स्टैंड यही कह रहा है. आज राजद ने औपचारिक तौर पर एलान कर दिया कि वह चंद्रशेखर के साथ है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मीडिया के सामने ये एलान किया. लेकिन पार्टी ऑफिस में ही मौजूद राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इसका विरोध किया. शिवानंद तिवारी ने कहा कि अगर पार्टी ने रामचरित मानस औऱ राम के विरोध का फैसला लिया है तो इसके लिए बैठक होनी चाहिये औऱ उसमें फैसला लिया जाना चाहिये.


राजद का ड्रामा

बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को नफरती ग्रंथ करार दिया है. इसके बाद पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है. इस बीच राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने आज मीडिया के सामने पार्टी का स्टैंड क्लीयर किया. जगदानंद सिंह ने मंत्री चंद्रशेखर को पार्टी ऑफिस में बुलाया और मीडिया के सामने एलान किया. जगदानंद सिंह ने कहा-पूरी पार्टी चंद्रशेखर के साथ मजबूती से खड़ी है. रामचरित मानस वाकई नफरती ग्रंथ है.


शिवानंद तिवारी ने सामने ही विरोध किया

राजद के प्रदेश कार्यालय में जब ये सब चल रहा था उस वक्त पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी भी मौजूद थे. उन्होंने जगदानंद सिंह के सामने ही कहा-मैं इस बात से सहमत नहीं हूं. अगर पार्टी ने रामचरित मानस औऱ राम के विरोध का फैसला लिया है तो इसके लिए बैठक होनी चाहिये. इस बैठक में तेजस्वी भी मौजूद रहें. वैसे जहां तक मेरी जानकारी है, अब तक पार्टी ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है.


लोहिया से भी बडे तेजस्वी?

वैसे चंद्रशेखर के बयान के बाद चर्चा ये हो रही है कि क्या तेजस्वी यादव डॉ राम मनोहर लोहिया से भी बड़े हो गये हैं. भारत में समाजवाद के जनक डॉ राम मनोहर लोहिया थे. आज तक समाजवाद के नाम पर राजनीति करने वाले भारत के तमाम नेता राम मनोहर लोहिया को ही अपना आदर्श बताते हैं. शिवानंद तिवारी ने आज मीडिया के सामने राम के प्रति डॉ राम मनोहर लोहिया के विचारों को रखा. उन्होंने बताया कि डॉ लोहिया राम को सबसे बड़ा महापुरूष मानते थे. राम मनोहर लोहिया तो राम के नाम पर मेला लगाते थे औऱ उनके कहने पर मकबूल फिदा हुसैन जैसे चित्रकार राम के सैकड़ों होर्डिंग बनाते थे. राम के प्रति अपने अनुराग को लोहिया असंख्य दफे सार्वजनिक रूप से प्रकट कर चुके हैं.