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Lockdown में तेजस्वी ने खोल दी नीतीश सरकार की पोल, सरकार को कोई जवाब नहीं सूझ रहा

1st Bihar Published by: Updated Wed, 06 May 2020 08:02:13 AM IST

Lockdown में तेजस्वी ने खोल दी नीतीश सरकार की पोल, सरकार को कोई जवाब नहीं सूझ रहा

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PATNA : मंगलवार की शाम कोरोना महामारी पर सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नीतीश सरकार पर और हमलावर हो गए हैं। तेजस्वी यादव ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार जो दावे कर रही है वह जमीन पर सही नहीं उतर रहे।  तेजस्वी ने कहा है कि सरकार की तरफ से कई सवालों का जवाब स्पष्ट तौर पर नहीं दिया जा रहा है और ना ही आंकड़ों को सही तरीके से रखा जा रहा है। 


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने में जनप्रतिनिधियों को दरकिनार किया जा रहा है। अधिकारी जनप्रतिनिधियों की सुनते नहीं है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राहत और बचाव कार्यों में जनप्रतिनिधियों की सेवा ली जाए ताकि अधिकारी मनमानी ना कर सके। इसमें Check & Balance रहना चाहिए। जनप्रतिनिधियों पर विश्वास कर उन्हें महत्वपूर्ण ज़िम्मेवारी दी जाए। आपदा के समय कोई जनप्रतिनिधि झूठ तो बोलेगा नहीं। ना जनप्रतिनिधि झूठ बोलते है और ना सारे अधिकारी सच। नेता प्रतिपक्ष के सुझाव का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को जवाबदेही देने का आश्वासन दिया है।


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार सरकार राज्य में कोरोना की कम संख्या को लेकर पीठ ना थपथपाए। जब बिहार में कोरोना की जांच ही सबसे कम हो रही है तो ज़ाहिर है मामले भी कम ही होंगे। दूसरे राज्यों में अधिक जांच हो रही है इसलिए वहाँ अधिक मामले है। बिहार में औसतन 1200 से 1300 ही जांच हो रही है जबकि प्रतिदिन इसे बढ़ाकर 3000 से 5000 करना चाहिए। बिहार में विगत 60 दिनों में अब तक कुल 28345 ही जांच हुई है। अर्थात् औसतन 10 लाख लोगों पर केवल 224 लोगों की ही जाँच हो रही है। सरकार को प्रत्येक कमिशनरी में कोरोना समर्पित अस्पताल संचालित करने चाहिए। रेंडम जांच होनी चाहिए। जब बिना लक्षण के ही लोग कोरोना पॉज़िटिव पाए जा रहे है तो फिर डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग का ज़्यादा महत्व नहीं रह जाता। इसलिए प्रदेश में जांच की संख्या हर हाल में बढ़ाई जाए।


उन्होंने बताया कि नोड़ल अधिकारियों के नंबर बंद है। हेल्पलाइन सीमित है। पंजीकरण पोर्टल का लिंक डाउन है। मदद के लिए जारी किए गए लैंडलाइन नम्बर लगते नहीं है, लगते है तो अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता हैं। उन्होनें इस मामले में सुझाव देते हुए कहा कि अप्रवासियों की परेशानियों को देखते हुए IVR सिस्टम वाले टेलीफ़ोन नंबर जारी करे ताकि लोग अपनी विवरणी कॉल के माध्यम से दर्ज कर सकें।‬ ‪ज़्यादातर मज़दूर भाई कम पढ़े लिखे हैं इसलिए उनको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में दिक़्क़त हो रही है। इसके अलावा वेबसाइट खुल भी नहीं रहा। दक्षिण भारत में फंसे अप्रवासियों के लिए भाषा भी एक बाधा है।


नेता प्रतिपक्ष ने केंद्रीय गृह सचिव के 3 मई के पत्रांक और आदेश संख्या-40-3/2020-DM-1(A) का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के नए आदेश से बिहारी अप्रवासी मज़दूर भाईयों की वापसी में अड़चन पैदा होगी। बिहार की ड़बल इंजन सरकार इस आदेश में तब्दीली करवाएँ। वैसे भी सरकार कहती है कि केंद्र सरकार इनकी हर माँग को मानती है।


उन्होंने पूछा कि सरकार बतायें कि बिहार के श्रमवीर कब तक वापस आएंगे? कितने दिन में वापस आएंगे और कितनी ट्रेनों में वापस आएंगे। उन्होंने आंकड़ा देकर बताया की भारतीय रेलवे के पास 12000 से अधिक रेलगाड़ियां है और सारी अभी ख़ाली खड़ी है। बिहार सरकार क्यों नहीं अधिक से अधिक संख्या में उन रेलगाड़ियों से बिहारीवासियों को यथाशीघ्र वापस बुलवाती? उन्होंने अप्रवासी मज़दूर भाईयों को यात्रा से पहले किराया देने का आग्रह किया।


नेता प्रतिपक्ष ने राजद द्वारा 14 मार्च से किए जा रहे निरंतर जनसहयोग, राहत सामग्री और बाहर फंसे प्रवासियों को दी जा रही मदद से भी सरकार को अवगत कराया। उन्होंने राशन वितरण में हो रही धांधली का भी ज़िक्र किया। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि केंद्र सरकार से जो मदद अथवा असहयोग मिल रहा है उसकी जानकारी भी पब्लिक डोमेन में सरकार द्वारा अवश्य जारी की जानी चाहिए ताकि सबको पता लगे कि केंद्र सरकार का बिहार को लेकर क्या रवैया है? नेता प्रतिपक्ष ने विलंब से बुलाई की सर्वदलीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष , मुख्यमंत्री और बाक़ी दलों के नेताओं को धन्यवाद देते हुए कोरोना से लड़ने में विपक्ष द्वारा आगे भी हर सम्भव सकारात्मक और सक्रिय सहयोग का भरोसा दिया।