लॉकडाउन में स्मार्टफोन से बच्चों को रखें दूर, इन बातों को रखें खास ख्याल

लॉकडाउन में स्मार्टफोन से बच्चों को रखें दूर, इन बातों को रखें खास ख्याल

DESK :   लॉक डाउन के कारण घर के सभी सदस्य घर में मौजूद हैं. बड़े तो किसी ना किसी काम में खुद को  व्यस्त रख लेते है. टीनएजर भी अपनी पसंद के अनुसार कुछ काम या हौबीज में खुद को व्यस्त कर  लेते हैं. ऐसे बच्चे जो अभी छोटे है उनके लिए चीजों को समझ पाना काफी मुश्किल है. उन्हें न तो घर से बाहर माता-पिता के साथ घूमने जाने को मिल रहा नाहीं पार्क में खेलने के लिए. उन्हें इस तरह बंधन में क्यों रखा गया है ये समझा पाना भी बहुत मुश्किल है.

स्कूल ऑनलाइन क्लासेज तो करवा रहे है पर स्कूल के बाद भी उनके पास बहुत समय बचता है. ऐसे में बच्चों को बिजी रखना पेरेंट्स के लिए आसन नहीं है. जब बच्चों के पास कोई बात करने या उनके साथ कोई खेलने के लिए नहीं होता तो वो मोबाइल में बिजी हो जाते है. मोबाइल में वो क्या देख रहे उसे मॉनिटर करने को कोई नहीं होता. 

लॉकडाउन के कारण बीते  डेढ़ महीने से हमारे दिनचर्या में जो बदलाव आया है वो ठीक नहीं बच्चों के लिहाज से भी इस बदलवा को ठीक नहीं कहा जा सकता. बिना किसी एक्टिविटी के बच्चे जल्दी बोर हो जाते हैं, और फिर अपनी बोरियत को दूर करने के लिए मोबाइल, टीवी या किसी दूसरे गैजेट पर ज्यादा समय बिताने लग जाते हैं. वक्त काटने के लिए यह जरिया सही नहीं है. यदि घर में छोटे बच्चे हैं तो हमें इन बातों का ख़ास ख्याल रखना होगा:-       

-बच्चों को लॉकडाउन में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट की लत न लगे इसलिए घर के लोगों को उनके लिए समय निकलना होगा. उनको बातों में उलझाएं.

-बच्चे छोटे हैं तो आप उन्हें किस्से कहानियां सुनाएं. जैसे हमे हमारी दादी-नानी सुनाया करती थी.

-उनसे घर के छोटे-मोटे काम करवाएं. जैसे पौधे को पानी देना, सोफे या टेबल साफ़ करना. काम के दौरान यदि उनसे कोई गलती हो जाये तो उन्हें डांटे नहीं  

-रोजाना दिन में एक घंटा उनके साथ कोई गेम खेलें. साथ ही इस वक्त को घर पर ही समर वेकेशन की तरह बिताएं.

-उन्हें उनके पसंदीदा गैजेट के साथ दिन में कुछ समय के लिए अपनी निगरानी में खेलने दें. 

- बच्चों को शारीरिक मेहनत वाले खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करें.

- उन्हें ड्राइंग और कलरिंग करने को कहें और इसमें उनकी सहायता करें.