DESK : बीते डेढ़ महीने में ज़िन्दगी में जो बदलाव आये हैं उसकी वजह से हमारे सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. खुद को फिट और तंदुरुस्त रखने वाले लोग भी अब सुस्त पड़ने लगे हैं. लोग अब आलसी होने लगे है. कोरोना वायरस के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन के चलते लोगों की लाइफस्टाइल में आने वाला बदलाव एक बड़ा कारण है. परिवार के सभी सदस्य की लाइफस्टाइल चेंज हो गई है. साथ ही अब लोगों के व्यव्हार में भी बदलाव दिखने लगा है. लोग चिड़चिडे होते जा रहे हैं. छोटी-छोटी बातों पर अब लोगों को जल्दी गुस्सा आने लगा है.
मनोचिकित्सकों की राय में ये सब लाइफस्टाइल में आने वाले चेंज के कारण है. उनका कहना है अभी हमारे इर्दध-गिरध बहुत ही नकारात्मक वातावरण बना हुआ है. लोग अपने घरों के कैद है . लोगों का आपस में मिलना जुलना बंद है. टीवी इंटरनेट पर कोरोना से जुडी खबरों में यहीं आता रहता है की आज इतने लोगों की मौत हुई, आज इतने मरीजों की संख्या बड़ी. इन सारी चीजों को देखने सुने से हमारे दिमाग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा. वहीं कुछ लोगों को अपने नौकरी जाने की चिंता सता रही है. इन सारी परिस्थितियों का हमारे मन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
इन परिस्थितियों के दुष्प्रभाव से खुद को बचा ने के लिए ध्यान और प्राणायाम बहुत कारगर साबित हो सकता है. इस को करने के लिए आपको कोई उपकरण की भी आवश्यकता नहीं है. आप इसे घर के किसी भी शांत कोने में बैठकर कर सकते है. प्राणायाम कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रोज सुबह या शाम के समय बड़ी आसानी से कर सकता है. प्राणायाम की कुछ ऐसी भी मुद्राएं हैं जिनका अभ्यास आप किसी भी वक्त कर सकते हैं. इनसे हमारे शरीर की विभिन्न कार्यप्रणालियों को सुचारू रूप से चलाए रखने में मदद मिलती है. इसके अलावा प्राणायाम हमें कई प्रकार के रोगों से भी बचाए रखता है.
भारत के साथ साथ विश्व में योग को प्रसिधी दिलाने वाले गुरु स्वामी बाबा रामदेव ने लोगों को फिट रहने और बीमारियों से बचने के लिए 5 चमत्कारी प्राणायाम के बारे में बताया है. आइये उन्ही योगासन के बारे में जानते हैं.
भस्रिका प्राणायाम
भस्रिका प्राणायाम करने से हमारे शरीर में उर्जा का संचार बढ़ता है. इस प्राणायाम से हम अपने पूरे श्वसन तंत्र की ऊर्जा बढ़ा सकते हैं. हमारे शरीर में ऑक्सीजन की भरपूर आपूर्ति होगी तो कोरोना वायरस के खिलाफ काफी हद तक सुरक्षा मिल सकती है.
इस आसन को करने के लिए कमर, गर्दन, पीठ और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए ज्ञान मुद्रा में बैठ जाएं. इसके बाद नाक से इस तरह सांस अंदर भरें कि उसकी आवाज साफ-साफ सुनाई दे. इसी तरह आवाज करते हुए सांस को बाहर छोड़ें. यही क्रिया भस्त्रिका प्राणायाम कहलाती है. ध्यान रहे, श्वास लेते और छोड़ते वक्त हमारी लय ना टूटे.
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम करने से शरीर के सारे आंतरिक अंग स्वस्थ रहते हैं और इम्युनिटी बढ़ेगी है. रोजाना पांच से दस मिनट तक इसे कर सकते हैं. कपालभाति प्राणायाम करने के लिए ध्यान मुद्रा में बैठकर नाक से सांस को यथासंभव बाहर छोड़े साथ ही पेट को भी यथा संभव अंदर की ओर खिचे तत्पश्चात तुरन्त नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचतें हैं और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते है. सांस को लेते और छोड़ते समय हमें अपने पेट को फुलाना और सिकोड़ना होता है. साथ ही इसे थोड़ा जल्दी जल्दी करते हैं.
उज्जायी प्राणायाम
इस प्राणायाम के जरिए हम सांस को रोककर छोड़ने का प्रयास करते हैं. सांस खींचने के बाद अपनी दाईं नासिका को बंद कर बाईं नासिका से सांस छोड़ें. इससे बाद बाई नासिका से सांस ले कर दाईं नासिका से सांस छोड़े.इस प्राणायाम को करने से गला और श्वसन क्रिया टीक हो जाती है.
अनुलोम-विलोम
लॉकडाउन में स्ट्रेस या डिप्रेशन से बचने के लिए अनुलोम-विलोम करना शुरू कर दीजिए. इसमें आपको बाईं नासिका से सांस खींचने के बाद धीरे-धीरे बाईं ओर की नासिका से ही सांस छोड़नी है. सांस खींचने और छोड़ने के लिए ढाई से पांच सेकेंड तक का समय लें. ये प्रक्रिया धीरे धीरे करें.
ध्यान लगाना
यदि आप अपने स्ट्रेस को कम करना चाहते है तो दिन में सुबह या शाम को शांत जगह पर बैठकर 10 से 15 मिनट ध्यान लगा सकता है. ध्यान लगाने से आपका मन इस कठिन परिस्थिति में भी शांत रहेगा और गुस्सा भी कम आयेगा.