PATNA : राजधानी पटना में रविवार को एक साथ 58 नये मामले सामने आने के बाद बिहार में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले पटना जिले में मिले हैं। लेकिन इन सब के बीच कोरोना के रेड जोन पटना में लॉकडाउन 4.0 के पहले दिन गाड़ियां सरपट दौड़ रही है। पटना की सड़कों पर गाड़ियों की संख्या जिस रफ्तार मे बढ़ गयी है उसे देखकर आप कोरोना और लॉकडाउन सब भूल जाएंगे।
पटना कोरोना के रेड जोन में है। पटना जिले में बिहार के सबसे ज्यादा मरीज हैं। पटना जिले में अब तक 164 मरीज मिल चुके हैं लेकिन लगता है कि पटनावासियों को इन चीजों से डर नहीं लगता है या फिर प्रशासन लापरवाह है। पटना की सड़कों पर आज गाड़ियां सरपट दौड़ रही हैं। पटना के बेली रोड पर जब फर्स्ट बिहार संवाददाता गणेश सम्राट पहुंचे तो लॉकडाउन के पिछले 50 दिनों के मुकाबले आज सड़क पर सबसे ज्यादा भीड़ उन्हें नजर आयी। बेली रोड में गाड़ियों का सिलसिला लगातार चलता दिख रहा था । कभी-कभी तो जाम वाली नौबत भी आती दिखी। कमोबेश बेली रोड पर इन्कम टैक्स गोलंबर की ओर बढ़ने पर भी वहीं नजारा दिखा। गाड़ियों की कतार लगती दिख रही थी।कुछ दिनों पहले तक सन्नाटे में पड़ी सड़क अचानक से गुलजार हो गयी थी। लेकिन ये नजारा कहीं न कहीं डराने वाला था। लॉकडाउन का जैसे अहसास ही नहीं हो रहा था लगा कि कोरोना संकट का दौर गुजर गया है।
केंद्र सरकार ने रविवार को एक बार फिर देश में लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया है। चौथे चरण का यह लॉकडाउन 31 मई तक लागू रहेगा। हालांकि इस बार सरकार ने कई रियायतें दी हैं। इनके तहत राज्य ग्रीन, ऑरेंज, रेड, कंटेनमेंट और बफर जोन तय कर सकेंगे। इसके साथ ही राज्यों को अधिकार है कि वह कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य जोन में आर्थिक गतिविधियों को मंजूरी दे सकते हैं। जिन इलाकों में रूक-रूक कर कुछ समय बाद नए मरीज सामने आ जाते हैं उन्हें बफर जोन के रूप में चिह्नित किया जाएगा। नए दिशानिर्देशों में लॉकडाउन के 4 के दौरान एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच वाहनों से यात्रा शुरू हो सकती है। हालांकि इसके लिए दोनों राज्यों की सरकारों के बीच सहमति होना जरूरी है। वहीं राज्य के भीतर बसों का परिचालन शुरू होगा। हालांकि इसका फैसला केन्द्र ने राज्य सरकारों पर ही छोड़ा है।
इतने तमाम छूट के बावजूद पटना को ज्यादा छूट नहीं दी जा सकती है। क्योंकि पटना में रविवार को अचानक कोरोना के मामलों की बाढ़ आ गयी । जिले में एक दिन में 58 नये मामले सामने आ गये। कोरोना संक्रमण के मामले में बिहार के सर्वाधिक प्रभावित जिला पटना में अब तक रिकॉर्ड 164 मामले सामने आ चुके हैं। खास इलाकों की बात करें तो बिहार सैन्य पुलिस (BMP), बाढ़, खाजपुरा व अथमलगोला के इलाके विशेष प्रभावित हैं। इनमें बीएमपी व खाजपुरा के इलाके हॉट-स्पॉट बनकर उभरे हैं। पटना के रूपसपुर मोड़ व छोटी पहाड़ी को भी कंटेनमेंट जोन बनाया जा रहा है। पूर्व में कंटेनमेंट जोन घोषित पटेल नगर के आदर्श नगर की गली नंबर पांच को फिर से सील किया जा रहा है।
पटना के बेली रोड की बात करें तो बिहार की सरकार यहीं से चलती है। मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर तमाम विभागों के मुख्यालय और सरकारी कार्यालय इसी सड़क के ईर्द-गिर्द फैले हैं। लेकिन पटना का खाजपुरा का जो इलाका सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है वो इन इलाकों के काफी करीब है। ऐसे में सड़कों पर गाड़ियों और लोगों का मूवमेंट कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है।