नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, लॉकडाउन में ड्यूटी नहीं करने वाले सरकारी कर्मियों का वेतन नहीं कटेगा

नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, लॉकडाउन में ड्यूटी नहीं करने वाले सरकारी कर्मियों का वेतन नहीं कटेगा

PATNA : लॉकडाउन पीरियड में किसी कारण ड्यूटी नहीं कर पाने वाले सरकारी कर्मियों के लिए सरकार ने राहत का बड़ा ऐलान किया है. बिहार सरकार ने फैसला किया है कि लॉकडाउन पीरियड में अगर सरकारी सेवक अपनी ड्यूटी से गायब रहे तब भी उनके वेतन में कटौती नहीं की जाएगी. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस बड़ी राहत के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि मार्च और अप्रैल के महीने में सभी सरकारी कर्मियों का वेतन भुगतान किया जाएगा.

सरकार इसके पहले संविदा और आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कर्मियों लॉकडाउन पीरियड मैं उनकी सेवा शर्तें के मुताबिक वेतन भुगतान का निर्णय ले चुकी है. डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार में बड़ी तादाद में ऐसे सरकारी सेवक है जो रोजाना लोकल ट्रेन से यात्रा कर अपनी सेवा प्रदान करते हैं. ऐसी स्थिति में सरकार ने 3 मई तक उपस्थिति में छूट देने का फैसला किया है. इस अवधि में ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले सरकारी सेवकों के वेतन में किसी तरह की कोई कटौती नहीं की जाएगी.


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए 24 मार्च 2020 से लागू लाॅकडाउन की अवधि में किन्हीं कारणों से अनुपस्थित रहने वाले नियमित सरकारी कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए मार्च-अप्रैल के उनके वेतन भुगतान का निर्णय लिया गया है. संविदा व आउटसोर्स के तहत काम करने वाले कर्मियों को भी लाॅकडाउन की अवधि का उनकी नियुक्ति की शर्तों के अधीन वेतन भुगतान का पहले ही निर्णय लिया जा चुका है.

 मोदी ने कहा कि वैसे कर्मी जो प्रतिदिन लोकल ट्रेन से यात्रा कर सचिवालय आते थे. उनको 03 मई तक उपस्थिति से छूट दी गई है. अतः ऐसे कर्मी लाॅकडाउन की अवधि में उपस्थित माने जायेंगे. इसके अलावा सरकारी कार्य से भ्रमण पर गए और 24 मार्च से लाॅकडाउन लागू होने की वजह से मुख्यालय से बाहर रहे कर्मियों को भी उपस्थित माना जायेगा. वैसे कर्मी, जो विधिवत मुख्यालय छोड़ने की अनुमति लेकर अथवा अवकाश स्वीकृत करा कर लाॅकडाउन से पहले बाहर गए और अचानक लाॅकडाउन की घोषणा के कारण सामान्य परिवहन का साधन नहीं मिलने से अगर मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो सके, तो उन्हें भी उपस्थित माना जायेगा. मगर बिना अवकाश स्वीकृत कराए और अनुमति लिए मुख्यालय से बाहर रहने वाले कर्मियों को मुख्यालय वापस आने और नियमानुसार अनुमान्य अवकाश स्वीकृत कराने के बाद ही लाॅकडाउन अवधि का वेतन भुगतान किया जायेगा. वही, लाॅकडाउन अवधि में अपने निर्धारित मुख्यालय में उपस्थित रहने वाले वैसे सभी कर्मियों को जो भले ही प्रत्येक कार्य दिवस को निर्धारित अवधि में कार्यालय में उपस्थित नहीं रहे हो, को वेतन का भुगतान किया जायेगा.