PATNA : पटना में गुरूवार को पशुपति कुमार पारस को लोक जनशक्ति पार्टी का अध्यक्ष बनाने के सियासी ड्रामे ने चिराग पासवान को बड़ी राहत दी होगी. पारस की ताजपोशी में लोक जनशक्ति पार्टी का कोई प्रमुख नेता नही दिखा. हां, वे सांसद जरूर दिखे जिन्होंने पारस को लोजपा संसदीय दल का नेता बनाया है. दिलचस्प बात ये भी थी कि मंच पर जब पशुपति पारस को लोजपा के अध्यक्ष बनाने का माला पहनाया जा रहा था तो उस माले के घेरे में जेडीयू के नेता जरूर खड़े दिखे.
पारस को पार्टी का साथ नहीं
दरअसल लोजपा के पारस गुट ने जब ये एलान किया था कि गुरूवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक कर नया अध्यक्ष चुना जायेगा तो निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि इस बैठक में लोजपा का कौन कौन नेता शामिल होता है. सुबह से मीडिया की टीम ये तलाशने में लगी थी कि सूरजभान के घऱ पर हो रही इस बैठक में कौन-कौन पहुंच रहा है. शाम होने तक लोगों के चेहरे पहचाने जाते रहे औऱ आखिरकार नतीजा ये निकला कि लोजपा के नेता-कार्यकर्ता कमोबेश चिराग के साथ ही खड़े हैं.
पशुपति कुमार पारस गुट की बैठक में उनका साथ देने वाले सांसदों के अलावा सूरजभान ही नजर आ रहे थे. उनके आवास पर तो बैठक ही चल रही थी. सूरजभान के अलावा लोजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों में से कोई उस बैठक में नजर नहीं आया. वैसे कुछ महीने पहले चिराग पासवान ने पार्टी की प्रदेश कमेटी को भंग कर दिया था. लेकिन जो पुरानी कमेटी थी उसका भी कोई पदाधिकारी बैठक में नहीं दिखा. ले दे कर एक लोजपा के एक प्रदेश प्रवक्ता वहां नजर आ रहे थे. वे पहले दिन से ही दिल्ली में पशुपति पारस के घऱ पर जमे थे.
पारस ने दलित सेना के पदाधिकारियों को भी इस बैठक में बुलाया था. दरअसल दलित सेना रामविलास पासवान द्वारा बनाया गया संगठन है. पहले इसके अध्यक्ष रामचंद्र पासवान हुआ करते थे, उनके निधन के बाद पशुपति पारस को उसका अध्यक्ष बनाया गया था. उम्मीद थी कि पारस ने दलित सेना का जो अपना संगठन खडा किया उसके नेता तो जरूर बैठक में मौजूद रहेंगे. पारस की बैठक में दलित सेना के प्रसाद अध्यक्ष बीनू नजर आये. इसके अलावा कोई ऐसा चेहरा नहीं दिखा जिसे लोग जानते पहचानते हों.
माला पहन रहे थे जेडीयू नेता
दिलचस्प बात ये रही कि जब पशुपति कुमार पारस को अध्यक्ष घोषित कर माला पहनाया गया तो उस माले के घेरे में जेडीयू के नेता जरूर नजर आये. जेडीयू के नेता केशव सिंह पारस के बगल में खड़े होकर माला पहन रहे थे. वैसे केशव सिंह पहले लोजपा में ही हुआ करते थे. उस वक्त भी उनकी पहचान लोजपा नेता के रूप में कम पशुपति कुमार पारस के मैनेजर के तौर पर ज्यादा थी. विधानसभा चुनाव के बाद चिराग पासवान ने उन्हें पार्टी से निष्कासित किया था, जिसके बाद वे जेडीयू में शामिल हो गये थे. केशव सिंह ने चिराग पासवान पर केस भी कर रखा है. पारस की ताजपोशी में सबसे ज्यादा एक्टिव केशव सिंह ही नजर आ रहे थे.