लैंड फॉर जॉब केस: तेजस्वी यादव का चार्जशीट में नाम आने के बाद CBI कोर्ट में आज पहली बार होगी सुनवाई, जानिए क्या है आरोप

लैंड फॉर जॉब केस: तेजस्वी यादव का  चार्जशीट में नाम आने के बाद CBI कोर्ट में आज पहली बार होगी सुनवाई, जानिए क्या है आरोप

PATNA : लैंड फॉर जॉब केस में सीबीआई द्वारा दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम आने के बाद आज पहली बार अदालत में सुनवाई होगी। इस मामले की सुनवाई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में की जाएगी। इससे पहले 3 जुलाई को सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में  सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इसमें तेजस्वी यादव का नाम भी शामिल किया गया। 


दरअसल, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर सुनवाई होगी। हालांकि, इसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सशरीर पेश होने का आदेश नहीं दिया गया है। इस लिहाजा उनके पेश होने की संभावना नहीं है। ऐसे में तेजस्वी यादव के वकील कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में तेजस्वी यादव के अलावा राजद सुप्रीमों लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत 17 नामजद अभियुक्त हैं। इन पर रेलवे में नौकरी देने की एवज में कुछ लोगों से ओने-पोने दाम पर जमीन लेने का आरोप है। हालांकि, इस मामले में पहले ही लालू और राबड़ी जमानत पर बाहर हैं। 



मालूम हो कि, सीबीआई लैंड फॉर जॉब घोटाले की जांच कर रही है। जबकि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े पहलुओं की जांच ईडी कर रही है। अबतक इस मामले में सीबीआई की शुरुआती चार्जशीट में तेजस्वी यादव का नाम नहीं था। लेकिन, जैसे - जैसे जांच टीम आगे बढ़ी तो फिर एजेंसी को तेजस्वी के दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक बंगले का पता चला। यह बंगला एक प्राइवेट कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है, जिसके तेजस्वी डायरेक्टर रह चुके हैं। अब इन पर आरोप है कि रेलवे में नौकरी पाने वाले एक शख्स ने यह बंगला करीब 10 लाख रुपये में बेच दिया था, जबकि इसकी कीमत करोड़ों में है। इस लिहाजा तेजस्वी यादव का नाम भी चार्जशीट में जोड़ा गया। 



आपको बताते चलें कि, यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। लालू पर आरोप है कि उनके रेल मंत्री रहते हुए नियमों की अनदेखी कर कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई। इसके लिए कोई भर्ती नोटिफिकेशन निकाला गया था। साथ ही जिन लोगों को नौकरी दी गई उनसे लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर पटना, मुंबई समेत अन्य शहरों में बेशकीमती जमीन लिखवाई गई।