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1st Bihar Published by: Updated Tue, 12 Oct 2021 04:50:58 PM IST
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PATNA : चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी जांच करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी अमित खरे को अब बड़ी जिम्मेदारी मिल गई है. लालू प्रसाद यादव को जेल भिजवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व आईएएस अमित खरे अब प्रधानमंत्री के सलाहकार बना दिए गए हैं. अमित खरे लंबे अरसे तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे और केंद्र की तरफ से तैयार की गई एजुकेशन पॉलिसी में उनकी खास भूमिका रही. अमित खरे उस दौर में बिहार के अंदर तैनात थे जब बिहार और झारखंड का बंटवारा नहीं हुआ था. 1985 बैच के आईएएस अधिकारी अमित खरे 30 सितंबर को ही उच्च शिक्षा सचिव के पद से रिटायर हुए थे.
पूर्व आईएएस अमित खरे को जानने वालों को मालूम है कि कैसे उन्होंने बिहार में जिलाधिकारी रहते हुए चारा घोटाला मामले में सबसे पहले वित्तीय गड़बड़ी को पकड़ा था. उनकी ही तरफ से शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि बिहार पशुपालन विभाग के अंदर जबरदस्त घोटाले का खेल खेला जा रहा है. बाद में जांच का दायरा बढ़ता गया और यह मामला सीबीआई तक जा पहुंचा. अमित खरे ने पहली कंप्लेंट दर्ज करने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी. अब वही अमित खरे प्रधानमंत्री के सलाहकार के तौर पर काम करेंगे.
अमित खरे लंबे अरसे तक बिहार को अपनी सेवा दे चुके हैं. उन्होंने जहां कहीं भी अपनी सेवा दी बिहार में उनकी चर्चा लगातार होती रही. अब रिटायरमेंट के बाद उन्हें जो नई जिम्मेदारी दी गई है उसके मुताबिक उनका स्केल भारत सरकार के किसी अन्य सचिव के ही बराबर होगा. उनकी यह सेवा कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर होगी और प्रतिनियुक्ति को लेकर सरकार की तरफ से उनके सारे नियम लागू किए जाएंगे.
फिलहाल अमित खरे की नियुक्ति प्रधानमंत्री के सलाहकार पद पर अगले 2 साल या फिर किसी अगले आदेश तक के लिए की गई है. बाद में इनका सेवा विस्तार भी किया जा सकता है. अमित खरे की पहचान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी ब्यूरोक्रेट्स के तौर पर होती है. इसीलिए उन्हें शिक्षा नीति बनाने को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका भी दी गई थी. हाल ही में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने डिजिटल मीडिया को लेकर जो नियमावली बनाई उसमें भी अमित खरे में खास भूमिका निभाई थी.