RANCHI : बिहार से लेकर केंद्र की राजनीति तक में किंगमेकर रह चुके आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जेल में रहकर भी बीजेपी को मात दे डाली। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव लंबे अरसे से रिम्स में अपना इलाज करा रहे हैं लालू का रांची में रहना झारखंड के विपक्षी दलों के लिए वरदान साबित हुआ है।
विधानसभा चुनाव के पहले महागठबंधन में जब सीट बंटवारे पर पेच फंसा तो ऐसा लगा जैसे बात बिगड़ जाएगी। खुद लालू की पार्टी आरजेडी की तरफ से सीट बंटवारे को लेकर तेजस्वी यादव ने नाराजगी जताई थी। तेजस्वी की नाराजगी ऐसी रही कि हेमंत सोरेन के साथ कांग्रेस के नेताओं ने जब साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो रांची में रहकर भी तेजस्वी उसमें शामिल नहीं हुए। तेजस्वी ज्यादा और पसंदीदा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहते थे लेकिन हेमंत सोरेन इसके लिए तैयार नहीं थे।
ऐसे में लालू यादव ने तेजस्वी के साथ-साथ कांग्रेस और जेएमएम को भी सहमति बनाने का मंत्र दिया। लालू जानते थे कि अगर विपक्षी दल बिखर गए तो बीजेपी की राह आसान हो जाएगी। आरजेडी सुप्रीमो की पहल रंग लाई और झारखंड में महागठबंधन बन गया। अब वही महागठबंधन झारखंड में सरकार बनाने की तरफ आगे बढ़ चुका है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा महागठबंधन जिसतरह से जीत के करीब है, इसके पीछे लालू प्रसाद की बड़ी भूमिका है। बीजेपी धराशायी हो गई है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और झारखंड के बाद अब बिहार की बारी है।रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि एक के बाद एक राज्यों में बीजेपी को जनता नकार रही है। झारखंड का चुनाव हम सबके लिए एक सबक भी है। बिहार में भी बीजेपी के खिलाफ सभी सहयोगी पार्टियों को एकजुट रहना होगा।