लालू प्रसाद को बड़ा झटका, 6 सप्ताह के लिए सुनवाई टली

लालू प्रसाद को बड़ा झटका, 6 सप्ताह के लिए सुनवाई टली

RANCHI: इस वक्त की बड़ी खबर रांची से आ रही है, लालू प्रसाद को बड़ा झटका लगा है. उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई 6 सप्ताह के लिए टल गई है. उनकी जमानत याचिका पर 6 सप्ताह के बाद अब सुनवाई होगी. लालू प्रसाद की ओर से सजा की अवधि वाली सर्टिफाइड कॉपी जमा करने के लिए समय मांगा गया. जिसके बाद कोर्ट ने 6 सप्ताह का समय दे दिया है. 

टिकी थी सबकी नजरें

 हाईकोर्ट ने चारा घोटाला केस में लालू प्रसाद को जमानत की आज होने वाली थी. इस सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई थी की आज क्या लालू प्रसाद को जमानत मिल जाएगी. पिछली बार सुनवााई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रही थी. लालू की ओर से वकील प्रभात कुमार और दिल्ली से कपिल सिब्बल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े हुए थे. इस केस की सुनवाई अपरेश सिंह ही अदालत में हो रही है. प्रभात कुमार ने कहा कि बेल रिजेक्ट नहीं हुआ है. लोअर कोर्ट के रिकार्ड देखा जाएगा. सीबीआई ने लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड देखने का हाईकोर्ट से आग्रह किया था. आधी सजा पूरा करने पर हमलोग जमानत मांगी थी. 


ऑडियो वायरल से विवादों में

आज सुनवाई से पहले लालू प्रसाद एक नए विवाद में फंस गए हैं. उनपर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा के स्पीकर के चुनाव में भाग नहीं देने के लिए बीजेपी के विधायक ललन पासवान को कॉल किया और कहा कि स्पीकर के चुनाव में भाग मत लिजिए. जब अपना स्पीकर बन जाएगा तो आपका ध्यान रखेंगे और सबकुछ ठीक कर देंगे. सरकार को गिरा देना है. इसको लेकर बीजेपी नेे रांची हाईकोर्ट में एक पीआईएल दायर किया है. 


बीामारी का दिया है हवाला

लालू प्रसाद ने अपनी जमानत याचिका में अपनी बीमारी के बारे में भी बताया है. याचिका में बताया गया है कि वह करीब 15 बीमारी ग्रसित है. उनका इलाज कई सालों से रांची के रिम्स में हो रहा है. उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है. इसलिए उनको जमानत दे दी जाए. जमानत के लिए लालू ने 4 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. बता दें कि लालू प्रसाद ने 23 दिसंबर 2017 से चारा घोटाले मामले में जेल में बंद हैं, दुमका, देवघर और चाईबासा मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. देवघर और चाईबासा केस में उनको जमानत मिल चुकी है, लेकिन दुमका मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है.  चार मामलों में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें सजा सुना दी है. पांचवा मामला डोरंडा कोषागार से संबंधित है और इसकी सुनवाई अभी सीबीआई कोर्ट में चल रही है.  


CBI की दलील

लालू की याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा था. जिसके बाद सीबीआई ने अपना पक्ष रख था. सीबीआई ने कहा था कि लालू यादव ने दुमका कोषागार से घोटाले के मामले में अब तक आधी सजा नहीं काटी है. लिहाजा उन्हें इस आधार पर जमानत नहीं दिया जा सकता. सीबीआई ने अपने जवाब में सीआरपीसी की धारा 427 का भी जिक्र किया है. CRPC की धारा 427 के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को अलग अलग मामलों में सजा मिलती है तो एक सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा शुरू होगी. अगर कोर्ट ने सारी सजा के साथ चलने का आदेश दिया हो तभी वे साथ साथ गिनी जायेंगी. सीबीआई इस आधार पर लालू की जमानत का विरोध कर रही है. सीबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि लालू प्रसाद को चार मामले में अलग-अलग सजा हुई है. उन्हें सजा सुनाने वाली कोर्ट ने सभी सजा को एक साथ चलाने का निर्देश नहीं दिया है. ऐसे में ये नहीं माना जा सकता है कि लालू यादव चारों मामले की सजा साथ साथ काट रहे हैं. उन्हें एक सजा पूरी करने के बाद दूसरे मामले में मिली सजा को पूरा करना होगा.