PATNA : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के बाद राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी NPR को लेकर देश भर में सियासत गर्म है। इस मुद्दे को लेकर जहां केंद्र सरकार पर विरोधी पार्टियां हमलावर हैं वहीं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने केन्द्र सरकार से जातिगत जनगणना कराने की मांग की है।
लालू यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि कथित NPR, NRC और 2021 की भारतीय जनगणना पर लाखों करोड़ खर्च होंगे। सुना है NPR में अनेकों अलग-2 कॉलम जोड़ रहे है लेकिन इसमें जातिगत जनगणना का एक कॉलम और जोड़ने में क्या दिक्कत है? वहीं आगे लिख गया है कि क्या 5000 से अधिक जातियों वाले 60% अनगिनत पिछड़े-अतिपिछड़े हिंदू नहीं है जो आप उनकी गणना नहीं चाहते?
वहीं बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने भी जातिगत जनगणना कराने और रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है। गठबंधन सरकार में जेडीयू कोटे से मंत्री श्याम रजक ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द देश में जातिगत जनगणना कराई जाए और जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक भी की जाए। रजक ने कहा कि देश में इस वक्त ये जानना जरूरी है कि किसकी कितनी आबादी है। उस लिहाज से उसके लिए योजनाएं बनें ताकि उसका फायदा जरूरतमंद तबका उठा सके। ऐसा करना देश हित में है।
आरजेडी विधायक और पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने श्याम रजक पर हमला बोलते हुए कहा कि इस मांग को आज उठाने का मकसद महज राजनीति करना है। लालू यादव ने सबसे पहले जातिगत जनगणना की मांग उठाई थी और गांधी मैदान में धरना भी दिया था। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी लगातार ये मांग उठाती रही है कि जल्द से जल्द जातिगत जनगणना कराई जाए ताकि समाज की असली सच्चाई सामने आ सके। इससे हिंदुस्तान की सियासत का रूप भी बदल जाएगा।