RANCHI : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. राजद सुप्रीमो लालू यादव जेल से बाहर आने वाले हैं. झारखंड हाई कोर्ट में लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने उन्हें बेल दे दी है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट से मिली सजा की आधी अवधि काट लेने का दावा करते हुए लालू प्रसाद ने जमानत की मांग की थी. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. लालू यादव को एक लाख रुपए का मुचलका और 10 लाख रुपए जुर्माना देना होगा. बेल बॉन्ड भरने के बाद वे एक-दो दिन में जेल से बाहर आ जाएंगे.
आपको बता दें कि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को सात साल की सजा सुनाई थी. इससे पहले जब कोर्ट में पिछली बार सुनवाई हुई थी तब लालू प्रसाद की ओर से दस्तावेज पेश करते हुए दावा किया गया था कि उन्होंने 42 महीने से अधिक समय तक जेल की सजा काट ली है.
गौरतलब हो कि राजद सुप्रीमो लालू यादव को पिछले महीने 23 जनवरी को रांची के रिम्स से दिल्ली एम्स में शिफ्ट किया गया था. उनकी तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें रांची से चार्टड प्लेन से दिल्ली ले जाय गया था. फिलहाल दिल्ली के एम्स में डॉ राकेश यादव की देख रख में उनका इलाज किया जा रहा है. उनकी देखरेख में दिल्ली एम्स की एक टीम लगी हुई है. जानकारी के अनुसार लालू यादव लंग्स, किडनी और हार्ट की बीमारी से जूझ रहे हैं.
आपको बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के 4 मामले में सजा सुनाई गई है. देवघर के एक, चाईबासा के दो और दुमका के मामले में निचली अदालत से सजा दी गई है, जिसमें 3 मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है. यह चौथा मामला है जिसमें आज रांची हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई. इस मामले में बेल मिलते ही यह साफ़ हो गया है कि राजद सुप्रीमो अब जेल से रिहा हो जाएंगे.
बता दें कि दुमका ट्रेजरी केस बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा वर्ष 1991 से 1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से साढ़े तीन करोड़ रुपये निकाले जाने से जुड़ा है और इस दौरान लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे. लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी केस में अक्टूबर में ही जमानत मिल गई थी, लेकिन दुमका ट्रेजरी केस की सुनवाई पूरी नहीं होने के चलते उन्हें जेल में ही रहना पड़ा था.