लालू के करीबी MLC का नीतीश कुमार पर जोरदार हमला, फेसबुक पोस्ट में पूछा - देश का सबसे अविश्वसनीय राजनेता कौन ? लोगों ने दिया रोचक जवाब

लालू के करीबी MLC का नीतीश कुमार पर जोरदार हमला, फेसबुक पोस्ट में पूछा - देश का सबसे अविश्वसनीय राजनेता कौन ? लोगों ने दिया रोचक जवाब

PATNA : राजद सुप्रीमो लालू यादव के सबसे करीबी कहे जाने वाले एमएलसी सुनील सिंह ने एक बार फिर से सोशल मिडिया के जरिए बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। राबड़ी देवी के मुहंबोले भाई सुनील कुमार सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए लिखा है कि - 'अगर UPSC में सवाल पूछा जाय कि देश का Most Unreliable Politician (सबसे अविश्वसनीय राजनेता) कौन हैं तो इसका जवाब क्या होगा ?' जिसके बाद में बहुत से लोगों ने इसका जवाब भी दिया है और सभी लोगों ने एक सुर में नीतीश कुमार का नाम लिखा है। 


दरअसल, राजद एमलसी सुनील सिंह इन दिनों बिहार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक विवाद को लेकर सरकार पर काफी हमलावर है। उन्होंने सरकार में जेडीयू कोटे के मंत्री के तरफ से केके पाठक को सही बताने को लेकर जमकर हमला बोला है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि - सीएम नीतीश जानबुझकर ऐसा कर रहे हैं। अशोक चौधरी को लेकर सुनील सिंह ने यहां तक कह दिया कि वर्ष 2005 में शेखपुरा जिला में कांग्रेस नेता राजो सिंह की हुई हत्या में अशोक चौधरी का नाम सुर्खियां बना था। उस समय अगर लालू यादव नहीं होते तो अशोक चौधरी जेल में होते। 


वहीं इससे पहले राजद एलएलसी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि, देखिए मित्रों मैं तो बिस्कोमान के अध्यक्ष के रूप में झूठी ही सही लेकिन ईमानदारी की ख्याति तो प्राप्त कर लिया हूं, परन्तु मेरे नाक के ठीक नीचे और अगल- बगल में अंगुलिमाल डाकू और डाकू खड्ग सिंह जैसे कुख्यात पदाधिकारी बैठे हैं फिर भी चाहे जो कुछ भी हो मैं तो ईमानदार हूं न? वही हालत तो कहीं इस प्रदेश के ---------? देखिए मित्रों कृपया इसे अन्यथा नहीं लेंगे! यह मेरी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति है ! हालांकि, बाद में उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया। 


इसके अलावा उन्होंने फेसबुक पर एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है कि-  आखिरकार इसमें शीर्षक क्या दें? क्योंकि जैसे ही Caption में कुछ सच्चाई लिखते हैं तो अनावश्यक भारी बवाल हो जाता है। मेरे मित्रगण अपने मन मिजाज़ में बैठाने लगते हैं और उसे दिल पर भी ले लेते हैं। इसलिए मैंने निर्णय लिया है कि इसमें मुझे कोई शीर्षक नहीं देना है। हालांकि, इससे पहले रामधारी सिंह दिनकर जी का वो कथन मुझे काफ़ी प्रेरित करती है!!!समर शेष है नहीं पाप का भागी केवल व्याघ!! !!जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध!!