लालू की गैरमौजूदगी ने सुनी कर दी सियासी होली, RJD कुनबे में सन्नाटा.. कोरोना ने NDA खेमे को भी फीका किया

लालू की गैरमौजूदगी ने सुनी कर दी सियासी होली, RJD कुनबे में सन्नाटा.. कोरोना ने NDA खेमे को भी फीका किया

PATNA : बिहार में सियासी होली का रंग इस बार फीका नजर आ रहा है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की कुर्ताफाड़ होली कभी देशभर में आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी लेकिन लालू यादव के जेल जाने के बाद आरजेडी खेमे की होली फीकी हो चुकी है। आरजेडी सुप्रीमो के बड़े भाई के निधन के कारण इस बार लालू-राबड़ी परिवार में होली नहीं मनाई जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी होली नहीं मनाने का फैसला किया है। आरजेडी खेमे में होली के मौके पर सन्नाटा पसरा हुआ है। आरजेडी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि लालू यादव की तबीयत खराब है और जब तक वह जेल से बाहर नहीं आ जाते तब तक होली नहीं मनाई जाएगी। 


आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जिस गवईं अंदाज में कुर्ताफाड़ होली खेलते थे वह शायद ही कोई भूल सकता है। हाथ में ढोल मजीरा लेकर लालू खुद होली के दिन सुबह से अपने आवास में बैठ जाते थे। आवास का दरवाजा खोल दिया जाता था हर आम और खास लालू के बंगले में जा सकता था। इस दौरान लालू यादव ना केवल पार्टी के नेताओं को बल्कि कवरेज करने आए मीडिया कर्मियों को भी नहीं छोड़ते थे। उन्हें रंग में डुबोना और फिर कुर्ता फाड़कर विदा करना लालू का खास अंदाज़ था। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता होने के बाद लालू यादव जब जेल गए उसके बाद से राबड़ी आवास की होली फीकी हो गई।


लालू यादव से उलट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेहद शालीन तरीके से होली मनाते रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार आने वाले लोगों को गुलाल का टीका लगाते हैं और उन्हें होली के पकवान परोसे जाते हैं। इस बार कोरोना ने एनडीए खेमे में भी होली फीकी कर दी है। मुख्यमंत्री आवास पर होली को लेकर किसी सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने परिवार के लोगों के साथ ही होली मनाएंगे। पार्टी के कुछ करीबी नेता मुख्यमंत्री के साथ इस मौके पर मौजूद रह सकते हैं। उधर बीजेपी ने भी होली के मौके पर किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया है। पूर्व सांसद आरके सिंहा होली के मौके पर बड़ा आयोजन किया करते थे लेकिन कोरोना की वजह से इस बार आयोजन नहीं किया जा रहा। कुल मिलाकर इस बार बिहार की सियासी होली का रंग उस तरीके से नहीं चढ़ेगा जैसा पहले देखने को मिलता था।