PATNA: विधानसभा छोड़ कर गायब लालू के दोनों लाल तेजस्वी प्रसाद यादव और तेजप्रताप यादव ने आज फिर नीतीश सरकार को भारी फजीहत से बचा लिया. बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र की समाप्ति के मौके पर भी हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. सदन में वोटिंग हुई तो तेजस्वी और तेजप्रताप समेत बड़ी तादाद में राजद के विधायक गायब थे. राजद के विधायक सदन में मौजूद होते तो नीतीश सरकार की भारी फजीहत होनी तय थी. दरअसल, राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सूबे में सड़क निर्माण में बड़े घोटाले का आरोप लगाते हुए इसकी जांच केंद्रीय सतर्कता आयुक्त से कराने के लिए सदन में वोटिंग करा दी. सदन में सत्ता पक्ष के सिर्फ 69 विधायक मौजूद थे. लेकिन राजद के ज्यादातर विधायक गायब थे लिहाजा विपक्षी वोटों की संख्या 52 तक ही पहुंच पायी.
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सिद्दीकी का गैर सरकारी संकल्प
दरअसल विधानसभा या विधान परिषद में विधायक गैर सरकारी संकल्प पेश कर सरकार के समक्ष अपनी मांग रखते हैं. सिद्दीकी ने अपने संकल्प में मांग की थी कि पिछले पांच सालों में बिहार में 200 करोड़ से ज्यादा की लागत से बनी तमाम सड़कों की जांच करायी जाये. केंद्रीय सतर्कता आयुक्त यानि CVC इसकी जांच करे कि सड़क का प्राक्कलन बनाने में कितनी गड़बडी की गयी. सरकार ने ये प्रस्ताव मानने से मना कर दिया. इस दौरान अब्दुल बारी सिद्दीकी और मंत्री नंद किशोर यादव के बीच नोंक झोंक भी हुई.
विधानसभा में वोटिंग
परंपराओं के मुताबिक गैर सरकारी संकल्प पर सरकार के जवाब के बाद विधायक अपना प्रस्ताव वापस ले लेते हैं. लेकिन सिद्दीकी संकल्प को वापस लेने पर राजी नहीं हुए. वे वोटिंग पर अड़ गये. मजबूरन सरकार को वोटिंग करानी पड़ी. वोटिंग में सरकार के पक्ष में 69 वोट पड़े वहीं सिद्दीकी के पक्ष में मात्र 52 वोट ही पड़े. लिहाजा सिद्दीकी का प्रस्ताव गिर गया. वोटिंग के दौरान सदन से लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों के अलावा ज्यादातर विधायक गायब थे. कांग्रेस की भी यही हालत थी. माले के विधायक मौजूद थे जिन्होंने सिद्दीकी के पक्ष में वोटिंग की. विधानसभा में राजद के 79, कांग्रेस के 26, माले के 3 और हम के 1 विधायक हैं. यानि विपक्षी विधायकों की तादाद 109 है और वोट सिर्फ 52 विधायकों ने डाला. आधे से ज्यादा विधायक गायब थे.
वोटिंग से परेशानी में थे मंत्री नंदकिशोर यादव
वोटिंग के दौरान माइक से मंत्री नंदकिशोर यादव की आवाज सुनी जा सकती थी. वे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बेंच की ओर बार-बार नजरें दौड़ा रहे थे. राजद-कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों को गायब देखकर उन्हें संतोष हुआ.