लालू फैमिली का मुनाफा मॉडल: रेलवे खलासी से दान में ली 62 लाख की जमीन, साढ़े तीन करोड़ में अपनी पार्टी के नेता को बेच डाला

लालू फैमिली का मुनाफा मॉडल: रेलवे खलासी से दान में ली 62 लाख की जमीन,  साढ़े तीन करोड़ में अपनी पार्टी के नेता को बेच डाला

PATNA: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में फंसे लालू परिवार की नयी कहानियां सामने आ रही हैं. बुधवार को सीबीआई ने लालू परिवार के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव के साथ साथ रेलवे में खलासी हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था. हृदयानंद चौधरी पर आरोप था कि उसने रेलवे में नौकरी लेने के लिए लालू-राबडी की बेटी हेमा यादव को पटना में लगभग ढ़ाई कट्ठे का प्लॉट दान में दे दिया था. अब नया तथ्य ये सामने आया है कि दान में लिये गये उस प्लॉट को साढ़े तीन करोड़ में बेच दिया गया. खरीददार और कोई नहीं बल्कि राजद का ही एक नेता है।


दान की जमीन साढ़े तीन करोड़ में बिकी

सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लालू के रेल मंत्री रहते रेलवे में खलासी की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी ने पटना के महुआबाग में 7.75 डिसमल यानि लगभग ढ़ाई एकड़ जमीन हेमा यादव को दान में दे दिया गया था. पटना के रजिस्ट्री कार्यालय में 13 फरवरी 2014 को इस जमीन की रजिस्ट्री हेमा यादव के नाम पर की गयी. कागजात में लालू-राबड़ी की बेटी हेमा यादव को विनीत यादव की पत्नी बताया गया है. जमीन का वैल्यू 62 लाख बताया गया था जबकि सरकारी दर यानि MVR 80 लाख रूपये था।


साढ़े तीन साल बाद राजद विधायक को बेची जमीन

सीबीआई ने इस मामले की पड़ताल में कई दिलचस्प तथ्यों का पता लगाया है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक दान में मिली इस जमीन को हेमा यादव ने साढ़े तीन साल बाद यानि 14 सितंबर को बेच दिया. हेमा यादव को जो प्लॉट दान में मिला था उसके दो तरफ पहले से उनकी मां राबडी देवी के प्लॉट थे. हेमा यादव और राबड़ी देवी ने 14 सितंबर 2017 को पूरी जमीन मेरेडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड नाम की एक कंपनी को बेच दिया. रजिस्ट्री के कागजातों में ये दर्ज है कि हेमा यादव और राबड़ी देवी ने मिलकर कुल साढ़े तीन करोड़ रूपये में जमीन को मेरेडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड को बेच दिया।


लेकिन सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि मेरेडियन कंस्ट्रक्शन इंडिया लिमिटेड नाम की ये कंपनी राजद नेता अबू दोजाना की है. अबू दोजाना 2015 से 2020 के बीच राजद के विधायक थे. उसी दौरान 2017 में अबू दोजाना की कंपनी ने राबड़ी देवी और उनकी बेटी हेमा यादव से साढ़े तीन करोड़ रूपये में जमीन खरीद ली।


दोजाना ही बना रहे थे तेजस्वी यादव का मॉल

बता दें कि अबू दोजाना ही तेजस्वी यादव की जमीन पर साढे सात सौ करोड़ रूपये की लागत से बिहार का सबसे बड़ा मॉल बना रहे थे. मॉल का कंस्ट्रक्शन का काम 2016-17 में ही शुरू हो गया था. वहां मिट्टी की खुदाई हुई थी जिसे पटना के चिडियाघर को बेचा जा रहा था. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने मिट्टी घोटाले का मामला उठाया था. बाद में मामला सामने आया कि जिस जमीन पर मॉल बन रहा है वह जमीन ही घोटाले की है. सुशील मोदी ने 2017 में कागजात जारी करके कहा था कि लालू प्रसाद यादव ने रेलवे की कंपनी IRCTC के होटल को एक कारोबारी को देने के एवज में वह जमीन रजिस्ट्री करायी थी।


बता दें कि 2017 में इसी मामले के रहस्योदघाटन के बाद नीतीश कुमार ने राजद से नाता तोड़ लिया था. ED ने इस मामले में केस दर्ज कर उस जमीन को जब्त कर लिया था. तेजस्वी यादव पर भी केस हुआ था. भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार ने राजद से नाता तोड़ कर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।


उधर इस पूरे प्रकरण को लेकर आज फिर बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार पर करारा हमला बोला. सुशील मोदी ने कहा कि सीबीआई औऱ ईडी को जांच का दायरा बढ़ाना चाहिये. मोदी ने कहा है कि लालू परिवार के जमीन खरीद बिक्री का खेल बहुत बड़ा है. राजेंद्र नगर कोचिंग कॉन्प्लेक्स में कार्यरत खलासी हृदयानंद चौधरी ने जिस 70 लाख की जमीन लालू प्रसाद यादव की 5वीं बेटी हेमा यादव को दान कर दी थी, उस जमीन को हेमा यादव ने अपनी मां राबड़ी देवी के साथ मिलकर साढ़े 3 करोड़ में सुरसंड के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना की कंपनी को बेच दिया।


दोजाना की भी जांच हो

सुशील मोदी ने कहा है कि जमीन खरीद बिक्री के इस खेल में हेमा यादव और राबड़ी देवी को 3.5 करोड़ रूपये मिल गये और राजद नेता की ही कंपनी को जमीन बेचने का कागज दिखा दिया गया. सीबीआई को अबू दोजाना की भी जांच करनी चाहिए और दान में मिली जमीन को 3.5 करोड़ में बिक्री की भी गहनता से जांच करनी चाहिए। 


सुशील मोदी ने कहा कि हृदयानंद चौधरी का मामला भी गहरा है. लालू यादव ने रेलवे में पिंटू कुमार को नौकरी दी थी. उसी पिंटू कुमार के पिता विष्णु देव राय ने हृदयानंद चौधरी को जमीन लिख दी. बाद में हृदयानंद चौधरी ने वह जमीन हेमा यादव को गिफ्ट कर दिया और साढ़े तीन साल बाद हेमा यादव ने उसे साढे तीन करोड में अबू दोजाना की कंपनी को बेच दिया।