PATNA : तकरीबन 3 साल 5 महीने यानि 41 महीने बाद रविवार को लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में एंट्री करेंगे. रविवार की दोपहर दो बजे लालू प्रसाद यादव अपनी पार्टी के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक करने जा रहे हैं. इस बैठक में बिहार में आरजेडी के विधायक, विधान पार्षदों के साथ साथ पिछले विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी मौजूद रहेंगे. सबों को पार्टी की ओर से बैठक को लेकर निर्देश जारी कर दिये गये हैं.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने जारी किया निर्देश
लालू प्रसाद यादव की बैठक को लेकर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने सभी विधायक-विधान पार्षदों के साथ साथ पिछले चुनाव में प्रत्याशी रहे नेताओं को निर्देश जारी किया है. समय से पहले सभी नेता वर्चुअल तरीके से जुड़े जायें. सब अपने घऱ से ही सेल फोन के जरिये जुड़े. ये सुनिश्चित कर लें कि बैठक के दौरान मोबाइल कैमरे के फ्रेम में कोई दूसरा आदमी न हो. ऐसा न हो कि विधायक-विधान पार्षद या उम्मीदवार के साथ उनके परिवार का आदमी भी बैठा हो. सब ध्यान से राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात सुनें. जिन्हें बोलने के लिए कहा जाये सिर्फ वही बोलें.
लालू प्रसाद यादव की इस बैठक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ साथ प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी मौजदू रहेंगे. जगदानंद ने बताया कि लालू प्रसाद यादव की ये कोई सिय़ासी बैठक नहीं है. बल्कि कोरोना महामारी के वक्त पार्टी के नेता कैसे लोगों की मदद करें वे ये दिशा निर्देश देंगे. जगदानंद ने बताया कि लालू प्रसाद से बेहतर तरीके से बिहार के गरीबों के दर्द को समझने वाला कोई दूसरा नेता नहीं है. लालू ये बतायेंगे कि गरीबों की मदद कैसे करनी है.
जेडीयू-बीजेपी में बेचैनी
उधऱ लालू की बैठक को लेकर जेडीयू बीजेपी में बेचैनी है. बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी खुलकर अपनी आपत्ति जता चुके हैं. वहीं जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि कोरोना महामारी के वक्त आरजेडी की मीटिंग संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. एक ओर जहां बिहार करोना महामारी से जूझ रहा है वहीं लालू प्रसाद यादव औऱ उनके बेटे को राजनीतिक रोटी सेंकने की फिक्र लगी हुई है. संजय सिंह ने कहा है कि तेजस्वी यादव को इस वर्चुअल मीटिंग को करप्शन मीटिंग का नाम देना चाहिए था.