क्यों फंसा है दरभंगा एम्स का निर्माण? महागठबंधन की सरकार बनते ही बदल गयी जमीन, क्या किसी को लाभ दिलाने के लिए हो रहा है खेल

क्यों फंसा है दरभंगा एम्स का निर्माण? महागठबंधन की सरकार बनते ही बदल गयी जमीन, क्या किसी को लाभ दिलाने के लिए हो रहा है खेल

PATNA: बिहार के दरभंगा में बनने वाले एम्स को लेकर खूब राजनीति हो रही है. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने दरभंगा में एम्स दिया है तो जवाब देने के लिए तेजस्वी यादव सामने आ गये. तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं. दरभंगा में एम्स नहीं खुला है. उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने जवाब दिया. लेकिन सवाल ये है कि केंद्र सरकार ने जिस दरभंगा एम्स को बनाने की 2019 में ही अनुमति दी थी, उसका काम आज तक क्यों नहीं शुरू हो पाया है. इसके पीछे के खेल को समझिये.


नीतीश ने तीन दफे बदली एम्स की जमीन

किसी राज्य में एम्स की स्थापना केंद्र सरकार करती है लेकिन उसके लिए जमीन राज्य सरकार को देना होता है. केंद्र सरकार ने 2019 में जब दरभंगा में एम्स बनाने का एलान किया तो नीतीश कुमार ने कहा कि दरभंगा में पहले से चल रहे मेडिकल कॉलेज अस्पताल को एम्स में अपग्रेड कर दिया जाये. लगभग दो साल तक इस मसले पर टकराव चलता रहा. दरअसल केंद्र सरकार का नियम है कि वह पहले से चल रहे किसी मेडिकल कॉलेज को एम्स नहीं बनाती. उसके लिए पूरी व्यवस्था अलग से की जाती है.


बीजेपी नेता सुशील मोदी कहते हैं कि नीतीश कुमार की प्लानिंग ये थी कि दरभंगा में एम्स बनने का श्रेय वे खुद लें. इसलिए तमाम नियमों को जानने के बावजूद वे केंद्र सरकार पर दवाब बना रहे थे कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को ही एम्स में अपग्रेड कर दे. जब केंद्र ने सख्त मनाही की तो नीतीश कुमार ने दूसरी व्यवस्था करने की जानकारी दी. बिहार सरकार ने केंद्र को कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में ही एम्स के लिए जमीन दी जायेगी. कुल 150 एकड़ जमीन देने का एलान किया गया. बिहार सरकार ने इसमें से 81 एकड़ जमीन आवंटित भी कर दिया.


महागठबंधन की सरकार बनते ही बदल गया प्लान

लेकिन 2022 में बिहार में नया गठजोड़ सत्ता में आ गया. नीतीश कुमार ने राजद के साथ दोस्ती कर सरकार बनायी. सरकार बनते ही दरभंगा एम्स की प्लान ही बदल गया. राज्य सरकार ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज परिसर में एम्स के लिए पहले से आवंटित 81 एकड़ जमीन को वापस ले लिया. इस बीच लालू परिवार के खास भोला यादव ने एलान कर दिया कि दरभंगा के हायघाट में बंद हो चुके अशोक पेपर मिल के परिसर में एम्स के लिए जमीन दी जायेगी. लेकिन राज्य सरकार ने अशोक पेपर मिल की जमीन पर एम्स बनाने की पहल नहीं की.


30 फीट गड्ढ़े में दी जमीन

इसके बाद बिहार सरकार की ओर से केंद्र सरकार को जानकारी दी गयी कि वह दरभंगा के शोभन बायपास में एम्स के लिए 151 एकड़ जमीन देगी. राज्य सरकार का पत्र मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने उस जमीन का निरीक्षण किया जो एम्स बनाने के लिए दी गयी थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने पाया कि ये जमीन 30 फीट नीचे गड्ढ़े में है. इस जमीन की मिट्टी भी सही नहीं है, इस पर किसी बडे स्ट्रक्चर का निर्माण करना भी तकनीकी तौर पर संभव नहीं है. वहीं, वहां अगर एम्स बना तो बाढ़ और जलजमाव का खतरा हमेशा बना रहेगा. ऐसे में केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को पत्र लिख कर कहा कि वह एम्स के लिए दूसरी जमीन दे. 


महागठबंधन के सांसदों ने सहरसा में एम्स बनाने का दिया ज्ञापन

दरभंगा एम्स की जमीन को लेकर विवाद चल ही रहा था कि महागठबंधन यानि जेडीयू, राजद औऱ कांग्रेस के 15 सांसदों ने केंद्र सरकार को ज्ञापन दे दिया. इन सांसदों ने दरभंगा के बजाय सहरसा में एम्स बनाने की मांग की. महागठबंधन के सांसदों ने ही अपने ज्ञापन में कहा कि दरभंगा में जो जमीन दी गयी है वह एम्स बनाने के लिए सही नहीं है. वहीं, एम्स की जरूरत दरभंगा से ज्यादा सहरसा को है.


नीतीश ने कहा-दूसरी जमीन नहीं देंगे

दरभंगा एम्स की जमीन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच चल रहे विवाद के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि वे दरभंगा में एम्स के लिए दूसरी जमीन नहीं देंगे. नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा कि जब केंद्र से नरेंद्र मोदी की सरकार जायेगी तब सब अच्छा काम होगा. यानि नीतीश ने साफ कर दिया कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार रहते दरभंगा में एम्स नहीं बनेगा. 


इस बीच तेजस्वी यादव के बयान से सियासी घमासान छिड़ गया है. आज बीजेपी के कई नेताओं ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला बोला. भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बाद केवल बिहार को दो एम्स ( पटना, दरभंगा) की सौगात देने का निर्णय किया था, लेकिन राज्य सरकार के असहयोग के कारण यहाँ केवल एक एम्स (पटना) बन पाया है. सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार बताये कि किसे लाभ देने के लिए सरकार उस जगह पर एम्स बनाने का दबाव बना रही है, जहां तकनीकी तौर पर एम्स बनाना संभव ही नहीं है. आखिरकार 2 हजार करोड़ रुपये से बनने वाले दरभंगा एम्स को सहरसा ले जाने के लिए नीतीश कुमार ने दिनेशचंद्र यादव सहित 15 जदयू सांसदों से ज्ञापन क्यों दिलवाया ? सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने दरभंगा एम्स की कल्याणकारी योजना को घटिया राजनीति के गहरे गड्ढे में धकेल दिया है.