क्या ये बीजेपी का ऑपरेशन भूमिहार है: विधान परिषद में रजनीश सिंह को उप मुख्य सचेतक पद से हटाया, जायसवालों की बल्ले-बल्ले

क्या ये बीजेपी का ऑपरेशन भूमिहार है: विधान परिषद में रजनीश सिंह को उप मुख्य सचेतक पद से हटाया, जायसवालों की बल्ले-बल्ले

PATNA : बीजेपी ने आज बिहार विधानपरिषद में अपने मुख्य सचेतक रजनीश कुमार सिंह को अचानक से उनके पद से हटा दिया. विधान परिषद में सत्तारूढ़ गठबंधन के उप मुख्य सचेतक को राज्य मंत्री का दर्जा औऱ सुविधायें मिलती हैं. बीजेपी ने रजनीश सिंह की जगह दिलीप जायसवाल को उप मुख्य सचेतक बनाया है. दिलीप जायसवाल उसी तबके से आते हैं जिससे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष औऱ उप मुख्यमंत्री आते हैं. कई नेताओं ने सवाल उठाया है कि क्या रजनीश सिंह को हटाना बीजेपी के मिशन भूमिहार का अगला स्टेप है.


रजनीश गये जायसवाल आये
दरअसल बिहार विधान परिषद में आज सत्तारूढ गठबंधन यानि एऩडीए ने उन चार नेताओं को चुना जिन्हें मंत्री की तरह सुविधायें मिलेंगी. जेडीयू के संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी को सत्तारूढ गठबंधन का मुख्य सचेतक बनाया गया. उन्हे राज्य सरकार के मंत्री की भांति सुविधायें मिलेंगी. वहीं बीजेपी के दिलीप जायसवाल को उप मुख्य सचेतक बना दिया गया. इस पद पर बीजेपी के रजनीश कुमार सिंह बने हुए थे. उन्हें हटा कर दिलीप जायसवाल को उप मुख्य सचेतक बनाया गया. उन्हें राज्य मंत्री की सुविधायें हासिल होंगी.


सत्तारूढ़ गठबंधन यानि बीजेपी-जेडीयू ने दो उप नेताओं के नाम का भी एलान किया. बीजेपी के नवल किशोर यादव औऱ जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर को सदन में सत्तारूढ़ दल के उप नेता बनाया गया है. इन दोनों को भी राज्य मंत्री की भांति सुविधायें मिलेंगी. 


नीतीश सरकार ने ही शुरू की है परंपरा
दरअसल 2006 में नीतीश सरकार ने बिहार विधान मंडल अधिनियम बनाया था. इसके तहत विधान परिषद में सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता, उपनेता औऱ उप मुख्य सचेतक को मंत्री की भांति सुविधायें मिलती हैं. उन्हें मंत्री की तरह वेतन-भत्ते से लेकर कर्मचारी, गाड़ी औऱ बंगला भी मिलता है. 


क्या ये बीजेपी का मिशन भूमिहार है
दरअसल बीजेपी ने पहले से ही उप मुख्य सचेतक पद पर बने हुए रजनीश कुमार सिंह को हटाकर दिलीप जायसवाल को ये दर्जा दिया है. बीजेपी से बागी हुए कई नेताओं ने इसे बीजेपी का मिशन भूमिहार करार दिया है. बीजेपी के पूर्व प्रदेश महामंत्री सुधीर कुमार शर्मा ने कहा है कि बीजेपी चुन चुन कर भूमिहारों को निशाना बनाया जा रहा है. रजनीश सिंह को पद से हटाना इसी कड़ी का हिस्सा है. सुधीर शर्मा ने कहा कि बिहार में भूपेंद्र यादव औऱ नित्यानंद राय की जोडी ने भूमिहारों को पार्टी से बाहर करने का संकल्प ले रखा है.


बीजेपी के पूर्व प्रदेश महामंत्री सुधीर शर्मा का आरोप है कि 2020 में हुए विधान परिषद चुनाव में बीजेपी से दो भूमिहार विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह औऱ रिटायर हुए थे. दोनों कई दशकों से पार्टी की सेवा करते आ रहे थे. लेकिन भूपेंद्र यादव ने दोनों का टिकट काट दिया. जनसंघ के समय से ही पार्टी के लिए अपना सब कुछ लगाने वाले नेताओं को विधान परिषद से बाहर कर सम्राट चौधरी जैसों को विधान परिषद भेजा गया. सुधीर शर्मा ने कहा कि ये वही सम्राट चौधरी हैं जिन्होंने दल बदल का रिकार्ड बना रखा है. बीजेपी में उनके आये हुए कुछ ही दिन हुए लेकिन भूपेंद्र यादव-नित्यानंद राय की जोड़ी ने उन्हें पहले एमएलसी बनाया औऱ फिर मंत्री. सुधीर शर्मा ने कहा कि सम्राट चौधरी ने बुधवार को भरे सदन में विधानसभा अध्यक्ष को बेइज्जत कर दिया. इसके पीछे ये भी एक कारण है कि विधानसभा अध्यक्ष भूमिहार जाति से आते हैं. तभी लोकतंत्र की हत्या करके भूपेंद्र यादव औऱ नित्यानंद राय ने अपने खास मंत्री से विधानसभा अध्यक्ष को सदन के अंदर जलील कराया.


जायसवालों की बल्ले-बल्ले
बिहार की सियासत का आखिरी सच जाति भी है. दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी अपने सारे अहम पदों पर जायसवाल जाति के लोगों को बिठाती जा रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल इसी जाति से आते हैं. डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद इसी जाति से आते हैं. अब विधान परिषद में उप मुख्य सचेतक भी दिलीप जायसवाल को बनाया गया है, जो जायसवाल जाति से ही आते हैं.