PATNA : बाहुबली अनंत सिंह का अब राजद और तेजस्वी यादव से मोहभंग होता दिख रहा है. जेल में बंद अनंत सिंह के वार्ड और बैरक को रात भर खुला छोड़ दिये जाने के बाद रविवार को बेऊर जेल में जमकर हंगामा हुआ था. अनंत सिंह और उनके समर्थक कह रहे हैं कि बाहुबली पूर्व विधायक की जेल में हत्या की साजिश रची गयी थी. हालांकि प्रशासन ने जेल में हंगामा और मारपीट करने के आरोप में अनंत सिंह समेत उनके 31 समर्थकों पर एफआईआर दर्ज करा दिया है. इस मामले से नाराज अनंत सिंह की पत्नी और राजद विधायक नीलम देवी ने तेजस्वी यादव से सवाल पूछा है-क्या यही दिन देखने के लिए राजद से विधायक बने थे.
नीलम देवी मे ट्विटर पर तेजस्वी यादव से सवाल पूछा है. उन्होंने लिखा है-“अब तो सवाल राजद औऱ तेजस्वी यादव जी से है. क्या यही दिन देखने के लिए मोकामा की जनता ने राजद के टिकट से मुझे चुनकर विधानसभा भेजा है. मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह जी पर अपनी चुप्पी तोडे सरकार.”
बता दे कि बेऊर जेल में रविवार को जमकर हंगामा हुआ था. मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह के डिविजन वार्ड ही नहीं बल्कि उनके बैरक का भी दरवाजा रात भर खुला छोड़ दिया गया था. इसकी खबर मिलने के बाद जेल में जमकर हंगामा हुआ. अनंत सिंह समर्थकों ने कहा कि पूर्व विधायक की हत्या की साजिश रची गयी थी. अनंत सिंह समर्थक कैदियों ने एक कैदी की पिटाई कर दी थी. मामले में बीचबचाव के लिए कक्षपाल आए तो उनपर भी हमला हुआ. पुलिस औऱ जेल प्रशासन कह रहा है कि अनंत सिंह समर्थक लाठी-डंडे से लैस थे.
कैसे खुला रह गया वार्ड और बैरक का गेट
बता दें कि पटना के बेऊर जेल में डिविजन वार्ड है. इस वार्ड में सांसद, विधायक और दूसरे वीआईपी कैदियों को रखा जाता है. इसी वार्ड के ग्राउंड फ्लोर पर पूर्व विधायक अनंत सिंह को रखा गया है. जैसी खबर आ रही है उसके मुताबिक अनंत सिंह के वार्ड के मुख्य दरवाजे को शनिवार की रात बंद ही नहीं किया गया था. रविवार की सुबह अनंत सिंह को इसकी जानकारी मिली कि उनका वार्ड पूरी रात खुला हुआ था. इसके बाद अनंत सिंह सकते में आ गए. उन्होंने आरोप लगाया कि जेल के अंदर उनकी हत्या कराने की साजिश रची गयी थी. अनंत सिंह के आशंका जताने के बाद जेल में उनके समर्थक कैदी आक्रोशित हो उठे और लाठी-डंडे से लैस हो कर बैरक में जाकर विरोधी गुट के एक बंदी की जमकर पिटाई कर दी.
कई बार बजी पगली घंटी
जेल में नियंत्रण से ज्यादा हंगामा होने के बाद पगली घंटी बजायी जाती है. रविवार की सुबह उत्पात के बाद पहली बार सुबह 7.30 बजे पगली घंटी बजाई गई. इसी दौरान जेल के चीफ वार्डन समेत तीन जवान मौके पर पहुंचे तो गुस्साए कैदियों ने उनकी भी धुनाई कर दी. फिर घटना की सूचना पर वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और कैदियों के साथ बातचीत शुरू की. स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए एक दर्जन सिपाही को भी तैनात किया गया था. जेल सूत्रों के मुताबिक जेल अधिकारी और कैदियों के बीच बातचीत में मामला सुलझने की बजाए और बढ़ गया. गुस्साये कैदियों ने लाठी-डंडे से सुरक्षा कर्मियों पर दोबारा हमला कर दिया। हंगामा बढ़ने पर करीब 10 बजे जेल में दोबारा सायरन बजाया गया. दिन के करीब साढ़े 12 बजे से तीसरी दफे पगली घंटी बजायी गयी.
सामान्य लापरवाही नहीं है वार्ड का खुला रहना
अनंत सिंह के वार्ड का खुला रह जाना सामान्य लापरवाही नहीं है. जेल के नियमों के मुताबिक जेल के वार्ड का दरवाजा खुला रह जाना बेहद गंभीर लापरवाही है. जेल के नियम के मुताबिक वार्ड का गेट बंद करने के बाद जेल का कर्मचारी उसकी चाबी वरीय अधिकारी को सौंप देता है. इसके बाद फिर से एक कर्मचारी ये चेक करने जाता है कि वार्ड या बैरक का ताला ठीक से बंद है या नहीं. ऐसे नियम के बावजूद वार्ड का दरवाजा खुला रह जाना साजिश भी हो सकती है, ऐसी आशंका जतायी जा रही है. इसके साथ साथ यह भी सवाल खड़ा हो रहा है कि अति सुरक्षित बेऊर जेल के भीतर कैदियों के पास लाठी- डंडे कहां से आ गए.
अनंत सिंह पर एफआईआर
बेऊर जेल में रविवार को हुए हंगामे को लेकर एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा है कि कैदियों और जेलकर्मियों पर हमले में शामिल अनंत सिंह समेत 31 कैदियों पर एफआईआर दर्ज की गई है, वहीं, जेल के वार्डन को निलंबित कर दिया गया है. डीएम ने इस मामले की जांच सदर एसडीएम औऱ एएसपी, फुलवारीशरीफ को सौंप कर उनसे 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी है. प्रशासन ने जेल में अनंत सिंह के समर्थन में हंगामा करने वाले 31 कैदियों की पहचान कर उन्हें दूसरी जेल में भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है.
सरकार ने जेल आईजी को सौपी जांच
उधर, राज्य सरकार ने जेल में हुए उत्पात की जांच राज्य के जेल आईजी को सौंपी है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने कहा है कि पूरे मामले की जांच जेल आईजी शीर्षत कपिल अशोक करेंगे. उनकी रिपोर्ट आने के बाद जरूरी कार्रवाई की जायेगी.