PATNA : क्या जेडीयू के सुपर पावरफुल नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह पार्टी में किनारे कर दिये गये हैं. क्या नीतीश कुमार ने अपने सबसे प्रिय RCP बाबू के पंख कतर दिये हैं. सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है. जेडीयू के ज्यादातर नेता आजकल कुछ ऐसी ही चर्चाओं में व्यस्त हैं.
ढ़ाई महीने से RCP बाबू गायब
दरअसल कोरोना को लेकर लॉकडाउन शुरु होने से पहले से ही आरसीपी बाबू सियासी दुनिया से गायब है. कोरोना संकट के बीच भी जेडीयू की कई सियासी गतिविधियां हुई लेकिन रामचंद्र प्रसाद सिंह कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. रामचंद्र प्रसाद सिंह या आरसीपी बाबू जदयू पार्टी के संगठन के सर्वेसर्वा थे. उनका अचानक से संगठन के पटल से गायब हो जाना कई तरह की चर्चाओं को गर्म कर रहा है.
दरअसल कोरोना संकट के बीच भी नीतीश कुमार ने जेडीयू के कार्यकर्ताओं और नेताओं को एक्टिव रखा है. नीतीश कुमार लगातार जेडीयू के हर लेवल के कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं. जेडीयू नेता बताते हैं कि नीतीश कुमार हर जिले में प्रखंड स्तर तक के पार्टी नेताओं से बात कर उन्हें एक्टिव रहने की नसीहत दे चुके हैं. लेकिन इस तमाम घटनाक्रम में आरसीपी सिंह कहीं नजर नहीं आ हे हैं.
पार्टी की गतिविधियों से आरसीपी सिंह गैरहाजिर
आखिरकार आरसीपी सिंह को लेकर हो रही चर्चाओं को क्यों बल मिल रहा है. कुछ बानगी देखें. दरअसल नीतीश कुमार ने एक मई से अपनी पार्टी को एक्टिव करने का काम औपचारिक तौर पर शुरू किया था. एक मई को जेडीयू के तमाम जिलाध्यक्षों और संगठन प्रभारियों के साथ नीतीश कुमार की वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई. ये वही जिलाध्यक्ष और प्रभारी हैं जिन्हें आरसीपी सिंह ने नियुक्ति किया था. लेकिन इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में आरसीपी सिंह नजर नहीं आये.
दूसरी बानगी 6 मई को देखने को मिली. नीतीश कुमार ने अपने तमाम सांसदों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग की. जेडीयू की ओर से इस वीडियो कांफ्रेंसिंग की जो औपचारिक जानकारी दी गयी उसमें उन नेताओं का नाम बताया गया जो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये नीतीश कुमार से जुडे थे. नेताओं की इस सूची में आरसीपी सिंह का नाम शामिल नहीं था. 7 मई को नीतीश कुमार ने जेडीयू की राज्य कार्यकारिणी के लोगों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की उसमें भी आरसीपी सिंह नहीं थे.
असमान्य बात है आरसीपी बाबू की मौजूदगी
जेडीयू के जानकार ये समझते हैं कि पार्टी का संगठन किसके जिम्मे थे. नाम के लिए प्रदेश अध्यक्ष से लेकर दूसरे पदाधिकारी थे लेकिन संगठन का सारा काम आरसीपी सिंह के ही जिम्मे था. पार्टी ने उन्हें पद भी उसी नाम का दे रखा था-राष्ट्रीय महासचिव-संगठन. संगठन का राष्ट्रीय महासचिव अगर संगठन के सभी काम से गैरहाजिर हो तो चर्चाओं को बल मिलना स्वाभाविक है.
अपने गांव में हैं आरसीपी सिंह
आरसीपी सिंह से जुड़े लोग बता रहे हैं कि कोरोना को लेकर लॉकडाउन शुरू होने से पहले से ही आरसीपी सिंह अपने पैतृक गांव में है. नालंदा मे उनका पैतृक गांव पटना से सिर्फ 70 किलोमीटर दूर है. बिहार के कई नेता दिल्ली से वापस लौट आये लेकिन आरसीपी बाबू 70किलोमीटर दूसरे से वापस पटना नहीं लौट रहे हैं. बिहार के कुछ और नेता अपने गांव में फंसे हैं लेकिन वहां से भी वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपने लोगौं से जुड़े हैं लेकिन आरसीपी बाबू वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये भी नहीं जुड़ रहे हैं.
आरसीपी बाबू की जगह संजय झा और अशोक चौधरी
जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार के इर्द गिर्द रहने वालों के चेहरे बदल गये हैं. नीतीश के लगभग सभी पॉलिटिकल वीडियो कांफ्रेंसिंग में संजय झा और अशोक चौधरी का चेहरा जरूर सामने आ रहा है. सीएम हाउस में इन दोनों नेताओं की लगभग हर रोज हाजिरी लग रही है. जदयू सूत्रों की मानें तो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरयि पार्टी को एक्टिव करने का आइडिया भी इन्हीं दोनो नेताओं का था.नीतीश कुमार भी अपने दल के नेताओं के साथ संवाद में ये बताते रहे हैं कि संजय झा और अशोक चौधरी ने उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग का आइडिया दिया.
खुद पार्टी की कमान संभाल रहे नीतीश कुमार
जेडीयू सूत्रों की मानें तो जिलावार पार्टी नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे नीतीश कुमार न सिर्फ कोरोना की बात कर रहे हैं बल्कि विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं-नेताओं को एक्टिव होने की नसीहत दे रहे हैं. कोरोना संकट के बीच कैसे पार्टी को मजबूत किया जाये इसका टिप्स भी नीतीश कुमार डायरेक्ट दे रहे हैं. पहले ऐसे निर्देश देने के साथ साथ पार्टी का सारा कामकाज आरसीपी सिंह के जिम्मे हुआ करता था.
क्या नीतीश का आरसीपी बाबू से हुआ मोहभंग
आरसीपी सिंह को लेकर पार्टी में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है. लेकिन पार्टी के कुछ नेता ये दावा कर रहे हैं कि नीतीश कुमार का आरसीपी बाबू से मोहभंग हो गया है. दरअसल 1 मार्च को पटना के गांधी मैदान में जेडीयू का राज्यस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन था. आरसीपी बाबू के भरोसे नीतीश कुमार ने ये दावा किया था कि इस सम्मेलन में दो लाख लोग आयेंगे लेकिन ये सम्मेलन बुरी तरह फ्लॉप हो गया. जेडीयू के नेता बता रहे हैं उस वाकये के बाद ही नीतीश कुमार की आंखें खुली है.
इस मसले पर हमने जेडीयू के कई नेताओं से बात करने की कोशिश की लेकिन किसी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. हालांकि तरह तरह की चर्चायें बाजार में हो रही है. खुद को जेडीयू की नेत्री बताने वाली मालिनी सिन्हा नाम की एक महिला ने आरसीपी सिंह और ललन सिंह को लेकर बेहद दिलचस्प फेसबुक पोस्ट किया. पार्टी के ढ़ेर सारे नेता नेता उस पोस्ट को पढ़ कर मजा ले रहे हैं. देखिये क्या है वो पोस्ट