PATNA : लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। वैसे इनका कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था। लेकिन,बीते शाम इन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। ऐसे में अब इस निर्णय के बाद एक सवाल काफी सुर्ख़ियों में बना हुआ है की क्या एक अफसर से पूरा आयोग चल सकता है?
दरअसल, गोयल के इस्तीफे के बाद भारतीय निर्वाचन आयोग में अब सिर्फ मुख्य निर्वाचन आयुक्त ही बचे हैं। अब आयोग में दो निर्वाचन आयुक्तों के पद खाली हो गए। आयोग में एक पद पिछले माह अनूप चंद्र पांडेय के सेवानिवृत्त होने की वजह से खाली था। उसके बाद अब गोयल के इस्तीफा देने से दूसरे निर्वाचन आयुक्त की भी पद खाली हो गई है। ऐसे में तीन सदस्यीय ईसीआई पैनल में अब सिर्फ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ही हैं और अब सभी तरह की जिम्मेदारी इनके ही कंधे पर आ गई है।
मालूम हो कि, निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल द्वारा अचानक अपने पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद अब लोकसभा चुनाव कराने की जिम्मेदारी मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के कंधे पर आ गई है। इससे पहले, मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे थे और सुचारू रूप से चुनाव कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर रहे थे।
निर्वाचन आयुक्त के पद पर रहते हुए अरुण गोयल का सरकार या मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ किसी तरह का कोई मतभेद नहीं रहा। पिछले चार साल में अरुण गोयल दूसरे निर्वाचन आयुक्त हैं, जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। इससे पहले अशोक लवासा ने निर्वाचन आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया था। निर्वाचन आयुक्त के पद पर रहते लवासा का मुख्य निर्वाचन आयुक्त और साथी निर्वाचन आयुक्त के साथ आए दिन मतभेद की खबरे आती रहती थी। अगस्त 2020 में अशोक लवासा ने निर्वाचन आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें एशियन डेवलपमेंट बैंक के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया।