PATNA : विरोधियों के साथ-साथ सहयोगियों को डोज देना तेजस्वी यादव को पसंद है। गोपालगंज के मुद्दे पर जेडीयू को जवाब देने के बाद तेजस्वी यादव ने अपने सहयोगियों को दलित कार्ड के जरिए बैकफुट पर धकेलना शुरू कर दिया है। दो दिन पहले तेजस्वी यादव जब गोपालगंज जा रहे थे तब उनके सहयोगी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कास्ट पॉलिटिक्स के बहाने नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसा था अब तेजस्वी यादव पलट कर दलित कार्ड खेल रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने पटना के मोकामा के घोसवरी पहुंच कर डबल मर्डर कांड के पीड़ित महादलित परिवार से मुलाकात की है। उन्होनें अपनी तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार सरकार अपराध पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल है।पूरे प्रदेश में हत्या,लूट,अपहरण, छिनतई आदि का दौर चला है।लेकिन सरकार सुशासन का ढिंढोरा पीट रही है। उन्होनें कहा कि वे आलाधिकारियों से मिलकर अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग करेंगे।वहीं उन्होनें पटना पुलिस पर भी सवाल खड़े किये हैं। थाने से महज 200 गज की दूरी पर वारदात को अंजाम दिया गया लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी।
बता दें कि मोकामा के घोसवरी थाना क्षेत्र के टाल में शुक्रवार की रात दो महादलित युवकों की ईट-पत्थर से सिर कूचकर हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान रामनगर गांव निवासी संजय मांझी के पुत्र गोलू मांझी (19) व गणेश मांझी के पुत्र सोल्जर मांझी (18) के रूप में हुई है। दोनों का शव गांव से करीब एक किमी दूर मिला। दोनों की हत्या शुक्रवार की रात लाठी-डंडे व ईंट-पत्थर से कूचकर की गई। मृतकों के सिर व चेहरे इस बूरी तरह कूचे गए कि पहचानना मुश्किल हो रहा था। हत्या के बाद दोनों के शव को गांव से करीब एक किमी दूर फेंक दिया गया।घटनास्थल घोसवरी थाने से महज 200 गज की दूरी पर था। ऐसे में पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बता दें कि तेजस्वी यादव की गोपालगंज यात्रा को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कॉस्ट पॉलिटिक्स बताते हुए कहा था कि किसी एक घटना को लेकर इस तरह यात्रा करना ठीक नहीं है और साथ ही साथ उन्होनें कहा था कि बिहार में सिंदुआरी, नवादा अररिया जहानाबाद में दलितों के साथ घटना घटी तो उन्होनें कोई कदम नहीं उठाया। जीतन राम मांझी ने कहा कि एक घटना को इश्यू नहीं बनाना चाहिए।साथ ही साथ उन्होनें कहा था कि विरोधी दल एकजुट होकर काम नहीं कर रहा है। मांझी ने कहा कि सबलोग मिलजुल कर किसी भी मुद्दे का विरोध करते तो परिस्थितियां अलग होती है। अगर विरोध मार्च भी करना था साथ करते । लेकिन तेजस्वी यादव चंद लोगों के हाथ की कठपुतली बन कर अपनी मनमानी कर रहे हैं। किसी को कुछ समझ नहीं रहे हैं। लालू यादव को जेल भेजवाने लोग उनके खासम-खास बने हुए हैं।इसके बाद तेजस्वी लगातार दलितों के बीच पहुंच रहे हैं। शनिवार को वे नौबतपुर में भोला पासवान की हत्या के बाद उनके परिजनों से मिलने पहुंचे थे।