PATNA : पटना हाईकोर्ट जातिगत जनगणना पर मंगलवार यानी आज अपना अहम फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद अब आज इस ममाले में फैसला सुनाने का निर्णय लिया गया है। जातिगत जनगणना का काम जनवरी 2023 से शुरू हुआ था। इसे मई तक पूरा किया जाना था, लेकिन हाई कोर्ट के रोक के बाद फिलहाल यह 80% ही पूरा हो पाया है।
दरअसल, जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट आज फैसला सुनाएगा। कोर्ट लगभग 25 दिन बाद इसका फैसला सुनाएगा। जातीय जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने लगातार पांच दिनों से सुनवाई की थी और उसके बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के अंतिम दिन भी राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि- यह सर्वेक्षण है। इसका मकसद आम नागरिकों के बारे में सामाजिक अध्ययन के लिए आंकड़े जुटाना है। इसका उपयोग आम लोगों के कल्याण और हितों के लिए किया जाएगा।
मालूम हो कि, इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की ओर से बताई जा रही जाति आधारित गणना पर रोक लगा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ये प्रथम दृष्टया जाति आधारित जनगणना है लिहाजा इस पर अंतरिम रोक लगा दी गयी थी। रोक के बाद अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की गयी थी। हाईकोर्ट की रोक के बाद राज्य सरकार ने पहले हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका डाली थी और फिर सुप्रीम कोर्ट गई थी। लेकिन राहत नहीं मिली थी।
उधर, सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर चार बार सुनवाई करने से इंकार कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने जातीय जनगणना के खिलाफ याचिका दायर करने वालों को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई थी। इसी साल 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के जाति आधारित गणना को संविधान विरोधी करार देते हुए इस पर रोक लगा दिया था। हालांकि हाईकोर्ट की रोक अंतरिम थी और अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई का डेट तय किया गया था। लेकिन नीतीश सरकार अगली तारीख का इंतजार किए बगैर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि पटना हाईकोर्ट के अंतरिम फैसले में काफी हद तक स्पष्टता है। अंतिम फैसला आए बगैर सुप्रीम कोर्ट में कोई सुनवाई नहीं होगी।