क्या AAP में सिद्धू की इंट्री करा पाएंगे PK, पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान

क्या AAP में सिद्धू की इंट्री करा पाएंगे PK, पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान

DELHI : कभी बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रणनीतिक सलाहकार और जेडीयू के उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर अब नवजोत सिंह सिद्धू के लिए सियासी जमीन तैयार करने में जुट गये हैं। चर्चा है कि प्रशांत किशोर के जरिए सिद्धू AAP में शामिल होने का जुगत भिड़ा रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीके के जरिए सिद्धू की दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से बात हुई है। वहीं पीके को लेकर पंजाब कांग्रेस  में घमासान मच गया है। 


चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच मीडिएटर बने हुए हैं। दिल्ली विधानसभा  चुनावों में प्रशांत किशोर की संस्था आई पैक ने पूरी स्टडी के बाद न सिर्फ केजरीवाल के लिए धारदार स्ट्रैटजी तैयार की, बल्कि इसको जमीन पर उतारा भी। हर बूथ पर काम किया और बूथवार रणनीति बनाई। जिसका नतीजा रहा कि अरविंद केजरीवाल फिर से सीएम बन गये।  आम आदमी पार्टी (आप) को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भी दिया गया । अब सिद्धधू को पार्टी में शामिल करवाने के लिए प्रशांत किशोर भी जोर लगा रहे हैं। 


वहीं प्रशांत किशोर पर पंजाब कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति तैयार करने के लिए फिर से पीके की सेवाएं चाहते हैं। इस बात को लेकर कांग्रेस हाईकमान खुश नहीं है। पार्टी आलाकमान का कहना है कि मुख्यमंत्री अपने स्तर पर इस तरह का फैसला कैसे कर सकते हैं।पीके को लेकर मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह, कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी और पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ के बीच बातचीत हुई। बताया जाता है कि तीनों नेताओं में प्रशांत किशोर को लेकर विभि‍नन पहलुओं पर काफी मंथन हुआ।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यह मान रहे हैं कि जब प्रशांत किशोर पंजाब नहीं आना चाहते हैं और दूसरी ओर मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह उनकी सेवाएं 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने में लेना चाहते हैं। कांग्रेस नेताओं का मत ह‍ै कि पीके जब इच्‍छुक नहीं हैं और ठीक रिस्‍पांस नहीं दे रहे हैं तो फिर उनके सामने झोली फैलाने की क्या जरूरत है। हाईकमान इस बात को लेकर भी चिंतित है कि पीके नवजोत सिंह सिद्धू को आम आदमी पार्टी में ले जाने की रणनीति बना रहे हैं।