कुशवाहा प्रकरण पर विजय सिन्हा बोले.. अपने स्वार्थ के लिए किसी की भी बलि ले सकते हैं नीतीश

कुशवाहा प्रकरण पर विजय सिन्हा बोले.. अपने स्वार्थ के लिए किसी की भी बलि ले सकते हैं नीतीश

PATNA: अपने बयानों के कारण पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति में सुर्खिया बटोर रहे उपेंद्र कुशवाहा अपनी ही पार्टी में बेगाने हो गए हैं। जेडीयू के अन्य नेता तो दूर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपेंद्र कुशवाहा का नाम तक सुनने को तैयार नही हैं। उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जेडीयू में मचे घमासान पर बीजेपी की पैनी नजर है। जेडीयू में चल रही तानातनी को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है। विजय सिन्हा ने कहा है कि नीतीश कुमार अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए किसी की भी बलि ले सकते हैं, चाहे वह पार्टी के प्रति कितना भी ईमानदार क्यों न हो। कुशवाहा कभी कभी सही बात बोल देते हैं जो नीतीश को नागवार गुजरती है।


विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि नीतीश कुमार अपने स्वार्थ के लिए किसी की भी बलि ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए अबतक बहुत से लोगों को बलि चढ़ा चुके हैं और अब अगला नंबर उपेंद्र कुशवाहा का है। नीतीश कुमार को सिद्धांतवादी और वफादार लोग बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं।अपने स्वार्थ और अहंकार के लिए वे ऐसे किसी भी शख्स की बलि चढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में राजनीतिक अस्थिरता के हालात उत्पन्न हो गए हैं। ये राजनीतिक अस्थिरता लाने वाले वही लोग हैं जिन्होंने राज्य की जनता के जनादेश का अपमान किया है। बिहार के लोगों को भ्रम में डालकर अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा को सिद्ध कर रहे हैं।


उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार न तो किसी सिद्धांत के लिए बनी है और ना ही लोगों की सेवा करने के लिए, महागठबंधन की सरकार सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार के लिए बनी है। जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन सिर्फ अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए बना था। एक को प्रधानमंत्री बनना था और दूसरे को मुख्यमंत्री बनने की चाहत है। दोनों दलों के बीच प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए समझौता हुआ था। उपेंद्र कुशवाहा कभी कभी सही बोल देते हैं लेकिन पूरा सच नहीं बोल पाते हैं। नीतीश और तेजस्वी दोनों एक दूसरे को ठगने का काम कर रहे है और इस ठगबंधन के कारण पूरे बिहार की जनता ठगा रही है। ऐसे लोग सिर्फ लूटने की नीयत से सत्ता में बना रहना चाहते हैं, इन्हे बिहार की जनता से कोई लेना देना नहीं है। नीतीश कुमार जनादेश का सम्मान करते हुए बिहार विधानसभा को भंग करें।