PATNA : केन्द्रीय मंत्री और एलजेपी संरक्षक रामविलास पासवान के द्वारा आऱक्षण के मुद्दे पर संघर्ष के लिए सभी दलों की एकजुटता के आह्वान के बाद आरएलएसपी सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। कुशवाहा ने कहा कि सत्ताभोग और विरोध साथ-साथ नहीं हो सकता पहले मंत्रीपद से इस्तीफा दीजिए तो हमसब आपके साथ जरूर खड़े होंगे।
उपेन्द्र कुशवाहा ने रामविलास पासवान के ट्वीट पर लिखा है कि माननीय मंत्री जी,याद कीजिए जेपी-लोहिया की बातों को जो आप संसद में भी बोलते रहे हैं। लेकिन सत्ताभोग के कारण आरक्षण खत्म करने वालों के साथ खड़े हैं।आपकी मंशा पाक है तो इस्तीफा दीजिए मंत्रीपद से फिर बुलाइए सर्वदलीय बैठक, हमसब आपके साथ जरूर खड़े होंगे।
उपेन्द्र कुशवाहा ने केन्द्रीय मंत्री के उस बयान पर निशाना साधा है जिसमें उन्होनें लिखा है कि लोक जनशक्ति पार्टी सभी राजनीतिक दलों से मांग करती है कि पहले भी आप सभी इस सामाजिक मुद्दे पर साथ देते रहे हैं, फिर से इकठ्ठा हों। बार-बार आरक्षण पर उठने वाले विवाद को खत्म करने के लिए आरक्षण संबंधी सभी कानूनों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए मिलकर प्रयास करें।
राम विलास पासवान की इस अपील पर उपेन्द्र कुशवाहा भड़क उठे हैं। उन्होनें कहा कि आप सत्ता मोह के कारण आरक्षण खत्म करने वालों के साथ खड़े हैं। लेकिन अगर आम सही मायने में आरक्षण की लड़ाई लड़ना चाहते हैं आपकी मंशा साफ है तो पहले आप मंत्रीपद से इस्तीफा दीजिए। केन्द्र सरकार का साथ छोड़कर आप हमारे साथ खड़े होंगे तो हम भी आपके साथ होंगे।