कुलपति नियुक्ति को लेकर राजभवन से टकराव दुर्भाग्यपूर्ण, बोले सुशील मोदी..यह राज्य के हित में नहीं

कुलपति नियुक्ति को लेकर राजभवन से टकराव दुर्भाग्यपूर्ण, बोले सुशील मोदी..यह राज्य के हित में नहीं

PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कुलपति नियुक्ति को लेकर राजभवन से टकराव को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के समानान्तर विज्ञापन से ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसे अफसर को विभाग से हटाना चाहिए।  


पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार राजभवन का है, जबकि नीतीश सरकार इस मुद्दे पर भी टकराव की मुद्रा में है। ऐसी परिस्थिति पैदा करना राज्य के हित में नहीं है। 


उन्होंने कहा कि पहले चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम का विरोध और फिर बिहार विश्वविद्यालय के वीसी-प्रो वीसी का वेतन रोकना शिक्षा विभाग की मनमानी है। इसके लिए जिम्मेदार अफसर को तत्काल हटाया जाना चाहिए। राजभवन ने सात कुलपतियों की नियुक्ति के लिए जब 4 अगस्त को विज्ञापन जारी कर दिया था, तब 18 दिन बाद इसी पद पर नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग का विज्ञापन जारी करना टकराव की मंशा जाहिर करता है। 


उन्होंने कहा कि राजभवन ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2013 के फैसले और  नियुक्ति -प्रक्रिया की परिपाटी का पालन करते हुए विज्ञापन जारी किया, जिसके अनुसार आवेदन करने की अंतिम तिथि 26 अगस्त है और कई लोग आवेदन कर भी चुके हैं। 


सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग ने कुलपति के पांच पदों पर नियुक्ति के लिए समानान्तर विज्ञापन जारी कर अभ्यर्थियों में ऊहापोह की स्थिति पैदा कर दी। यह हास्यास्पद है।  उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव ने अपने मनमाने आदेश से दो महीने में तीसरी बार राजभवन से टकराव की स्थिति पैदा कर दी, जिससे उच्च शिक्षा में सुधार लाने के लिए वर्तमान कुलाधिपति-सह-राज्यपाल के प्रयास बाधित हुए।