PATNA : बिहार में कुढ़नी में हुए उपचुनाव का परिणाम बीते रात आ चूका है। इस बार यहां की जनता ने भाजपा के ऊपर अपना भरोसा जताया है। इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी केदार गुप्ता ने महागठबंधन में जेडीयू की सिंबल पर चुनाव लड़ रहे मनोज कुशवाहा को जोरदार झटका देते हुए 3 हजार 649 वोटों से चुनाव हरा दिया। वहीं, पिछले दिनों गठबंधन टूटने के बाद पहली बार जेडीयू को चुनाव हराने की खुशी भाजपा के अंदर काफी जोरशोर से देखने को मिल रही है। इसी कड़ी में अब भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद् के नेता विरोधी दल सम्राट चौधरी ने जेडीयू और महागठबंधन पर जोरदार हमला बोला है।
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि, कुढ़नी की जनता ने महागठबंधन को पृथक कर दिया है। यह सीट जेडीयू और राजद की परंपरागत सीट रही है। लेकिन, इस बार कुढ़नी की जनता ने यह बता दिया है कि वो लोग विकास को वोट करते हैं। इसके साथ ही पिछले दिनों जो एक मिथक बानी हुई थी की जेडीयू के साथ आ जाने से महागठबंधन मजबूत हुई है और मिथक को भी कुढ़नी की जनता ने तोड़ने का काम किया है।
उन्होंने बिहार की सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि, जब एनडीए का सरकार था तब 2 लाख 34 हजार नौकरी देने का काम तय किया गया था। इसमें 1 लाख 15 हजार शिक्षकों को नौकरी देने की बता हुई थी,जिसको लेकर खुद बिहार के सीएम ने अपनी सहमति प्रदान की थी। इसलिए यह सरकार बताएं की इस वादों का क्या हुआ और नौकरी देने में देरी क्यों हो रही। इसके साथ ही महागठबंधन की सरकार सत्ता के चक्कर में बिहार के युवाओं के साथ खिलवाड़ बंद करें। 13 दिसंबर को विधानसभा सत्र से पहले लंबित पड़े शिक्षकों की नियुक्ति दी जाए।
इसके आलावा उन्होंने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान का पलटवार करते कहा कि, हकीकत यह है कि जदयू के नेताओं ने कुढ़नी में मतदान स्थल पर गड़बड़ी की नहीं तो हमारी जीत का अंतर और बढ़ा होता। वहीं, उन्होंने तेजस्वी यादव के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि, यदि लालू जी का इलाज चुनाव के दौरान नहीं हो रहा होता तो हमारे जीत का अंतर इससे भी अधिक होता। हालांकि, उन्होंने लालू यादव के स्वास्थ्य की कामना करने की बात भी कहीं।
वहीं, इस जीत पर भाजपा के नेता और बिहार विधान परिषद् के नेता विरोधी दल सम्राट चौधरी ने कहा कि, जिस दल के साथ बिहार के वतर्मान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ रहेगा उस पार्टी की हार सुनिश्चित है। बिहार के सीएम को इस चुनाव परिणाम के बाद यह समझना चाहिए कि, लोकतंत्र में जनता तय करती है कि किसे मुख्यमंत्री बनाना है। इसलिए अब उनको नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।