DESK: कुवैत में दक्षिणी शहर मंगाफ में 12 जून को सात मंजिला इमारत में आग लगने से कम से कम 49 श्रमिकों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हुए थे। इस इमारत में 196 प्रवासी श्रमिक रह रहे थे। जिसमें 45 भारतीय नागरिक की मौत हो गयी थी। मृतकों में बिहार के गोपालगंज का भी एक युवक भी शामिल था।
गोपालगंज थाना क्षेत्र के सपहा गांव के रहने वाले शिव शंकर सिंह की इस हादसे में मौत हो गयी। श्रम संसाधन विभाग बिहार ने हादसे में शिव शंकर सिंह का (पासपोर्ट नबंर एन1651171 व सिविल आइडी नंबर 281022007645) जारी कर की मौत होने की पुष्टि की है। वही विदेशी श्रमिकों के आवास वाली एक इमारत में आग लगने की घटना में जान गंवाने वाले 45 भारतीयों और फिलीपींस के 3 नागरिकों के शवों की पहचान कर ली गई है। कुवैत ने घटना की त्वरित जांच करने और मृतकों के शवों को घर भेजने में पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
कुवैत में लगी विनाशकारी आग में अपनी जान गंवाने वाले भारतीयों के परिवारों के लिए भारत सरकार की तरफ से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है। यह सहायता राशि प्रधानमंत्री राहत कोष से दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सरकारी आवास सात, लोक कल्याण मार्ग पर कुवैत में आग की त्रासदी को लेकर समीक्षा बैठक की और उसके बाद यह निर्णय लिया गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने सभी मृत भारतीय नागरिकों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि भारत सरकार पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता करेगी। प्रधानमंत्री ने विदेश राज्यमंत्री को राहत उपायों की निगरानी करने और अग्निकांड में मारे गए सभी भारतीयों के शवों को स्वदेश लाने के लिए कुवैत जाने का आदेश दिया है।
बता दें कुवैत तेल के भंडार के लिए जाना जाता है। इस देश में तकरीबन 10 लाख भारतीय रहते हैं, जो वहां की आबादी का कुल 21 प्रतिशत हैं। इनमें से नौ लाख भारतीय बतौर श्रमिक अपना योगदान दे रहे हैं। पूर्व में भी कुवैत व दूसरे खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीय श्रमिकों की खराब स्थिति का मामला सामने आता रहा है।