ब्रेकिंग न्यूज़

Summer Special Trains: इस रूट पर रेलवे चलाने जा रहा समर स्पेशल ट्रेनें, दिल्ली से बिहार आना हो जाएगा आसान Summer Special Trains: इस रूट पर रेलवे चलाने जा रहा समर स्पेशल ट्रेनें, दिल्ली से बिहार आना हो जाएगा आसान Vat Savitri Vrat 2025: इस दिन मनाया जाएगा वट सावित्री व्रत, महिलाओं के लिए क्यों है खास? Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुंगेर में की अहम बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुंगेर में की अहम बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bihar News: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दिए सख्त निर्देश, अंचल कार्यालयों और थानों की होगी कड़ी निगरानी; लापरवाह अधिकारी नपेंगे Bihar News: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दिए सख्त निर्देश, अंचल कार्यालयों और थानों की होगी कड़ी निगरानी; लापरवाह अधिकारी नपेंगे पटना में दो दिवसीय रिवर्स क्रेता-विक्रेता सम्मेलन...20 देशों के प्रतिनिधि हुए शामिल, उद्योग मंत्री बोले- उद्यमियों-किसानों और निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर Bihar Politics: पूर्व सांसद पप्पू सिंह बने जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रशांत किशोर ने किया एलान Bihar Politics: पूर्व सांसद पप्पू सिंह बने जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रशांत किशोर ने किया एलान

‘कृषि रोडमैप की विफलता पर श्वेत पत्र जारी करें नीतीश’ बिहार सरकार से सुशील मोदी की मांग

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 18 Oct 2023 07:12:39 PM IST

‘कृषि रोडमैप की विफलता पर श्वेत पत्र जारी करें नीतीश’ बिहार सरकार से सुशील मोदी की मांग

- फ़ोटो

PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि तीन कृषि रोडमैप लागू होने के बाद भी बिहार के किसान आय के मामले में 28 वें स्थान पर क्यों हैं? उन्होंने कहा कि तीन कृषि रोड मैप पर लगभग 3 लाख करोड़ खर्च करने के बाद भी खाद्यान्न उत्पादन दोगुना करने जैसे कई लक्ष्य पूरे क्यों नहीं हुए? हर भारतीय की थाली में एक बिहारी व्यंजन पहुँचाने का जो सपना दिखाया गया था, उसका क्या हुआ?


सुशील मोदी ने कहा कि पंजाब के किसानों की औसत आय 26,700 रुपये है, जबकि बिहार के किसानों की औसत प्रति व्यक्ति आय मात्र 7,542 रुपये है। आय के मामले में बिहार के किसान देश में 28 वें स्थान पर क्यों हैं? उन्होंने कहा कि तीसरे कृषि रोडमैप पर पांच साल में 1.54 लाख करोड़ खर्च करने का लक्ष्य था और जब सरकार एक लाख करोड़ भी खर्च नहीं कर पायी, तब चौथे कृषि रोडमैप पर 1.62 लाख करोड़ खर्च करने के लक्ष्य का कोई औचित्य नहीं था।


उन्होंने कहा कि तीसरे कृषि रोडमैप में जैविक कोरीडोर का निर्माण, हर खेत तक बिजली पहुंचाने, बंद नलकूप चालू कराने और अलग कृषि फीडर लगा कर 8 लाख नये सिंचाई कनेक्शन देने जैसे लक्ष्य क्यों नहीं पूरे हुए? तीन कृषि रोडमैप लागू करने में नीतीश सरकार की विफलता के कारण सभी पैक्सों का कम्प्यूटरीकरण नहीं हुआ। किसानों को 1600-1700 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर धान बेचना पड़ रहा है और अधिकतर चावल मिलें बंद हो गईं। महागठबंधन सरकार निहित स्वार्थों के इतने दबाव में है कि वह किसी योजना या रोडमैप को ईमानदारी से लागू करने की क्षमता खो चुकी है।