PATNA : राजस्थान के कोटा में फंसे लगभग 7500 यूपी के छात्रों को वापस लाने के लिए योगी सरकार ने 300 बसें भेजी हैं। योगी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए तीन सौ बसें यूपी से राजस्थान भेजीं। शुक्रवार की शाम यह बसें यूपी से कोटा पहुंच गई और अब उत्तर प्रदेश के सभी छात्रों को वापस लाया जा रहा है। कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए योगी सरकार का यह बड़ा कदम है लेकिन योगी सरकार के इस कदम पर बिहार ने ऐतराज जताया है।
बिहार सरकार ने योगी सरकार की तरफ से उठाए गए इस कदम पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा है कि ऐसे कदम के बाद सभी अपने बच्चों को वापस बुलाएंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी से कोटा के लिए बसें चलाए जाने पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के नियमों और उद्देश्य के खिलाफ लिया गया फैसला सही नहीं है। केंद्र सरकार को इस मामले को देखना चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा है कि हम लोग बिहार के बाहर रहने वाले लोगों की स्थानीय स्तर पर मदद कर रहे हैं। यूपी सरकार के इस फैसले से देश के दूसरे राज्यों पर भी इस बात के लिए दबाव बढ़ेगा कि वह अपने राज्य के लोगों को वापस लाने का इंतजाम करे। कोटा में रह रहे अन्य राज्यों के छात्र भी यह कहेंगे कि अगर यूपी सरकार कोटा से छात्रों को वापस बुला सकती है तो हमारे बच्चों को भी बुलाया जाना चाहिए। अगर ट्रेन और बसें चलाने की मांग होने लगेगी तो लॉकडाउन बेमानी हो जाएगा।
कोटा में पढ़ाई केवल उत्तर प्रदेश के छात्रों ने ट्विटर के जरिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की थी। योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने यह मुद्दा उठाया तब गहलोत ने मुंबई जैसी स्थिति से बचने के लिए यूपी के छात्रों को भेजने का फैसला किया। इसके बाद यूपी के आगरा और झांसी से 300 बसें कोटा के लिए रवाना हुए। इस पूरे मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर यूपी के छात्रों के अलावे अन्य राज्यों की सरकारें अपने बच्चों को वापस बुलाना चाहती हैं तो राजस्थान सरकार उनकी स्क्रीनिंग करा कर वापस भेजने को तैयार है। आपको बता दें कि कोटा में कोरोना के 82 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। कोटा से बिहारी छात्रों को वापस भेजे जाने के कदम पर बिहार सरकार पहले ही केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर एतराज जता चुकी है। आपको बता दें कि पिछले दिनों बिहार के कई छात्र कोटा से वापस आ गए थे जिन्हें राज्य में पहुंचने के बाद 14 दिनों के क्वारंटाइन में भेज दिया गया था।