KOLKATA : देश के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में से एक कोलकाता के सोनागाछी यानी सेक्स मंडी की मंदी खत्म हो गई है। बीते साल जब देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा तो सोनागाछी रेड लाइट एरिया इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। अपना जिस्म बेचकर पेट पालने वाली सेक्स वर्कर्स का हाल ऐसा बुरा हुआ कि भूखे मरने की नौबत आ गई। पश्चिम बंगाल सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने रेड लाइट एरिया को पूरी तरह से सील कर दिया था। ग्राहक नहीं आने की वजह से सेक्स वर्कर्स की आमदनी बंद हो गई थी।
कोरोना महामारी के दौर में जब सरकार ने लॉकडाउन में राहत देने का एलान किया तब कई तरह की बंदिशों के साथ सोनागाछी रेड लाइट एरिया में ग्राहकों की एंट्री हुई। सेनेटाइजर, मास्क और बॉडी टेम्परेचर जैसी शर्तों के साथ सेक्स की मंडी महीनों बाद खुली तो जरूर लेकिन बाजार में पुरानी बात नहीं रही। कोरोना के डर ने सोशल डिस्टेंसिंग का ऐसा पाठ पढ़ाया की।लोग रेड लाइट एरिया की चमक- दमक फीकी पड़ गई।
लगभग एक साल से सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स आर्थिक मंदी को झेलती रही हैं।लेकिन अब उनके बुरे दिन खत्म हो गए हैं। पश्चिम बंगाल चुनाव की वजह से रेड लाइट एरिया में एक बार फिर से ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी है। राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ता हों या फिर चुनावी काम काज में लगे दूसरे लोग, जिस किसी को भी जरूरत हुई उसने सोनागाछी का रुख करना शुरू कर दिया है। सोनागाछी में सेक्स वर्कर्स के बीच काम करने वाली एक संस्था के मुताबिक चुनाव ने सेक्स बाजार में नई जान डाल दी है। इस संस्था ने कोरोना से बचाव के साथ सेक्स सर्विस देने के लिए रेड लाइट एरिया में काफी काम किया है। अब सेफ्टी के साथ कैसे सेक्स वर्कर्स काम कर रही हैं।