PATNA: बिहार के शिक्षा विभाग को दुरूस्त करने में लगे केके पाठक ने फिर बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने एक आईएएस अधिकारी समेत उनके अधीन काम कर रहे सारे अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया है. उन सबों पर काम में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है.
केके पाठक ने शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए बनायी गयी सरकारी एजेंसी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के सारे अधिकारियों औऱ कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. बिहार में नई भर्तियों के साथ साथ शिक्षकों के लिए चल रहे प्रशिक्षण की स्थिति से नाराज अपर मुख्य सचिव ने ये कदम उठाया है. SCERT की ओर से 22 जुलाई को जारी एक पत्र जारी किया गया है, जिसके अनुसार उसके निदेशक का भी वेतन रोक दिया गया है. बता दें कि अभी SCERT के निदेशक के पद पर सज्जन आर पदस्थापित हैं. वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2015 बैच के बिहार कैडर के अधिकारी हैं. यानि आईएएस अधिकारी के वेतन पर भी रोक लग गयी है.
दरअसल, राज्य शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 22 जुलाई को महेंद्रू पटना में एससीईआरटी के कैंपस का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की स्थिति पर नाराज दिखे. अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम संतोषजनक नहीं पाया गया. लिहाजा उन्होंने वहां तैनात सारे अधिकारी कर्मचारी का वेतन रोकने का निर्देश दिया. अपर मुख्य सचिव के आदेश के SCERT ने अपने निदेशक सहित अपने सभी वरीय अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन को अगले आदेश तक रोकने का पत्र जारी किया है.
बता दें कि बिहार सरकार की संस्था एससीईआरटी राज्य स्तर पर एनसीईआरटी की तर्ज पर कार्य करती है. वह राज्य सरकार को शिक्षा को लेकर नीतिगत मुद्दों, कार्यक्रमों के कार्यान्वयन और मूल्यांकन में सहायता करती है. इसके साथ ही स्कूली शिक्षा और शिक्षक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार संबंधी सलाह भी देती है. राज्य सरकार की ये संस्था शिक्षा विभाग को प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में अपनी नीतियों और प्रमुख कार्यक्रमों को लागू करने में भी सहायता करती है. इसी संस्थान में बिहार के नवनियुक्त शिक्षकों सहित पहले से सारे शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता है. इस मसले पर समाचार एजेंसी द्वारा बार-बार कोशिश किये जाने के बावजूद बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया .