PATNA: बिहार सरकार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने एख बार फिर सूबे के नियोजित शिक्षकों पर कड़ा एक्शन लिया है. केके पाठक ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए आयोजित होने वाले सक्षमता परीक्षा का विरोध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है. सक्षमता परीक्षा का विरोध करने वाले शिक्षकों के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा दर्ज होगा बल्कि उऩकी नौकरी भी जायेगी.
शिक्षा विभाग ने सभी डीएम को पत्र लिखा
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है “विभिन्न सूचना माध्यमों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नियोजित शिक्षकों द्वारा सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करने एवं दिनांक-13.02.2024 को विधान सभा के समक्ष प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है. उल्लेखनीय है कि दिनांक 13.02.2024 (मंगलवार) तिथि को विद्यालय खुला हुआ है. ऐसी स्थिति में शिक्षकों के विद्यालय छोड़कर ऐसे धरना प्रदर्शनों में शामिल होने से यह स्पष्ट होगा कि उनके द्वारा विद्यालयों में शिक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न की जा रही है.
केस दर्ज होगा और नौकरी पर भी खतरा
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी डीएम को कहा है कि अगर उनके जिले में नियोजित शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है तो उसे IPC की धारा-141 के तहत "Unlawful Assembly" मानते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही, IPC की धारा-186/धारा-187 और अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जाये.
शिक्षा विभाग ने सारे डीएम को कहा है कि सक्षमता परीक्षा के खिलाफ धरना-प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय नियमावली में विहित प्रावधान के आलोक में कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई भी प्रारम्भ की जाए. यानि उनकी नौकरी लेने की भी कार्रवाई शुरू की जाये.
बता दें कि बिहार के शिक्षक संघों ने नियोजित शिक्षकों के लिए ली जाने वाली सक्षमता परीक्षा का विरोध करने का एलान किया है. शिक्षक संघों ने कहा है कि सक्षमता परीक्षा के लिए तीन जिले का विकल्प देने, दूसरे स्कूलों में जहाँ - तहाँ पदस्थापन या तबादला करने जैसी शर्तें मंजूर नहीं है. शिक्षक संघ ने कम्प्यूटर से ऑनलाइन परीक्षा लेने का फैसले का भी विरोध किया है. सक्षमता परीक्षा की इन्हीं शर्तों के खिलाफ शिक्षक संघों ने 13 फरवरी को विधानसभा के सामने प्रदर्शन करने का एलान कर रखा है.