PATNA : शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने पटना स्थित उनके सरकारी आवास को घेर लिया और जमकर नारेबाजी की। गुस्साए छात्र-छात्रा केके पाठक गो बैक के नारे लगा रहे थे। लेकिन बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को जबरन वहां से हटा दिया। छात्रों में केके पाठक के खिलाफ भारी नाराजगी देखी जा रही है।
दरअसल, शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का पद संभालने के बाद से ही केके पाठक अपने फैसलों के कारण लगातार लोगों की नजर में हैं। कभी दीपावली की तो कभी ईद की छुट्टी रद्द करना तो कभी शिक्षकों का वेतन काटने वाली खबरें अखबारों और सोशल मीडिया में सुर्खियां बन रही हैं। केके पाठक के फैसलों से सरकार को भी फजीहत झेलनी पड़ रही है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी केके पाठक को लेकर भारी हंगामा हुआ था।
सत्ताधारी पक्ष से लेकर विपक्ष के नेता केके पाठक की कार्यशैली पर सवाल उठाते रहे हैं। अधिकार क्षेत्र को लेकर राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच अक्सर विवाद की खबरें सामने आ रही हैं। शिक्षक संघ भी केके पाठक के खिलाफ आवाज बुलंद कर चुका है। शिक्षक संघों के बाद अब छात्र संगठनों ने भी केके पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पटना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को केके पाठक के आवास का घेराव कर दिया और उनके इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि बिहार के एजुकेशन सिस्टम में फिलहाल जो तानाशाही रवैया चल रहा है, इसके कारण छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। केके पाठक को तानाशाही रवैया दिखा रहे हैं, इसको उन्हें बंद करना पड़ेगा। केके पाठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं और उनका हमेशा से तानाशाही रवैया शिक्षा विभाग में देखा जा रहा है।
गुस्साए छात्रों का कहना था कि शिक्षक हों या छात्र सबके साथ उनका रवैया तानाशाही वाला होता है। कभी शिक्षकों और छात्रों की छुट्टी रोक देते हैं तो कभी विश्वविद्यालय कर्मियों का वेतन रोक देते हैं। ये सब जल्द से जल्द खत्म होना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके वे अपने पद से इस्तीफा दें। विभाग में नए एसीएस की तैनाती हो ,यही अच्छा रहेगा।